राजनांदगांव
प्रशासन से रोक लगाने की मांग, चक्काजाम की चेतावनी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 24 जनवरी। पनेका बांकल में शिवनाथ नदी से बड़े पैमाने पर अवैध रेत खनन के मामले में अब ग्रामीणों ने रेत माफिया और अफसरों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा करते हुए तत्काल नदी से रेत निकासी बंद नहीं होने की स्थिति में सप्ताहभर के भीतर चक्काजाम की चेतावनी दी है। बांकल पंचायत सरपंच भरत पटेल और सैकड़ों ग्रामीणों ने मीडिया से बातचीत करते रेत ठेकेदार दुष्यंत दास के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है। ग्रामीण लगातार बैठकें कर नदी से हो रहे उत्खनन को लेकर आपत्ति करने के लिए एकजुट हो गए हैं। पिछले कुछ दिनों से बांकल रेत खदान का मामला सुर्खियों में है। ठेकेदार पर नियम विरुद्ध नदी का गहरीकरण कर रेत निकालने का मामला सामने आया है। वहीं नदी की धार रोककर मशीनों के जरिये रेत खुदाई करने पर भी लोगों में नाराजगी है। यहां यह बता दें कि कुछ दिनों पहले अधिकृत ठेकेदार होने का हवाला देकर अर्चना दुष्यंत दास ने निकासी को नियमत: बताया था। उनका कहना है कि 30 साल के लिए औद्योगिक इकाईयों को रेत सप्लाई करने की लीज सरकार ने दी है। जबकि ग्रामीणों का आरोप है कि कोरोनाकाल के दौरान 2 साल में धड़ल्ले से हाईवा और डंपर से भारी मात्रा में रेत नदी से निकालकर सप्लाई की गई है। इस मामले में रेत ठेकेदार दुष्यंत दास की कार्यप्रणाली को लेकर ग्रामीणों में गहरी नाराजगी है। ग्रामीणों ने इस बात का खंडन किया है कि रेत ठेकेदार को धमकाया गया है। जबकि रेत ठेकेदार ही ग्रामीणों को देख लेने की कई बार धमकी दी गई है। इस बीच रायल्टी पर्ची को लेकर भी ग्रामीणों ने मीडिया के जरिये प्रशासन से विस्तृत जानकारी प्रस्तुत करने की मांग ठेकेदार से की है। ग्रामीणों का
कहना है कि रेत ठेकेदार ने पंचायत में निर्धारित रायल्टी पर्ची की राशि को भी जमा नहीं किया है। जिसके चलते ग्राम पंचायत को राजस्व का नुकसान भी उठाना पड़ा है। बांकल रेत खदान में ठेकेदार ने मशीनों के जरिये नदी से व्यापक पैमाने पर रेत का उत्खनन किया है। नदी की दशा और दिशा खुदाई के चलते बिगड़ गई है। ग्रामीणों का दावा है कि प्रशासन और खनिज विभाग के अधिकारियों को अवैध खनन के मामले में पूरी जानकारी है, लेकिन अफसरों के ढील देने के कारण ठेकेदार ने नदी को पूरी तरह से प्रभावित कर दिया है। शिवनाथ नदी की स्थिति खुदाई के कारण बिगड़ रही है। जिससे पर्यावरण पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है।
मिली जानकारी के मुताबिक ठेकेदार पर सख्तीपूर्वक कार्रवाई नहीं किए जाने की स्थिति में एक सप्ताह के इंतजार के बाद ग्रामीणों ने पनेका मार्ग में चक्काजाम करने का भी ऐलान किया है।