रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 24 जनवरी। प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के कर्मचारियों को निकालने की नोटिस के बाद हडक़ंप मच गया है। प्रदेशभर में 6 सौ से अधिक आयुष्मान मित्र काम कर रहे हैं, और नोटिस मिलने के बाद आयुष्मान मित्रों ने कलेक्टर परिसर में विरोध प्रदर्शन किया। ये सभी स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव से भी मिलने वाले हैं।
बताया गया कि प्रदेश में करीब 6 सौ से अधिक आयुष्मान मित्र में काम करने वाले लोगों को सरकार ने नोटिस देकर बर्खास्तगी का आदेश दिया। जिसके विरोध में प्रदेशभर से सैकड़ों आयुष्मान मित्रों ने कलेक्टोरेट में जाकर अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन किया।
उनका कहना है कि वे विगत 8 वर्षों से प्रधानमंत्री जनआरोग्य योजना के अंतर्गत डॉ.खूबचंद बघेल योजना के तहत निजी चिकित्सालय में काम कर रहे थे। जिससे वहां भर्ती होने वाले मरीजों को आयुष्मान कार्ड की सहायता प्रदान कर नि:शुल्क इलाज कराया जा रहा है। इन सबको अनदेखा कर सरकार के द्वारा आयुष्मान मित्रों को हटाकर उनकी जगह सरकारी अस्पतालों के स्टाफ को भर्ती करने का आदेश जारी किया गया है।
कोरोना संकटकाल में भी आयुष्मान मित्र अपनी जान की परवाह किए बगैर मरीजों को आयुष्मान कार्ड के माध्यम से इलाज की सुविधा और देख-रेख करने का कार्य कर रहे थे। जिससे अस्पतालों में आए मरीजों को आर्थिक भार में मदद मिल जाती थी। इसके बावजूद भी अचानक राज्य सरकार ने आयुष्मान मित्रों को नोटिस देकर बर्खास्त कर दिया गया। जो कि उचित नहीं है।
प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना में प्रदेशभर में अधिकतर महिलाएं आयुष्मान मित्र के रूप में काम कर रही थी। और उनकी जीविका उपार्जन का एकमात्र साधन रहा है। इन सब पर बिना विचार किए राज्य सरकार ने आयुष्मान मित्रों को निकाल दिया। जिसके विरोध में प्रदेश से आयुष्मान मित्रों ने रायपुर कलेक्टर के सामने अपनी समस्या रखने सैकड़ों की संख्या में पहुंचे।