गरियाबंद

आजादी के अमृत महोत्सव की हुई शुरुआत, खिलाडिय़ों ने किया सूर्य नमस्कार
24-Jan-2022 5:41 PM
आजादी के अमृत महोत्सव की हुई शुरुआत, खिलाडिय़ों ने किया सूर्य नमस्कार

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

गरियाबंद, 24 जनवरी। आज नगर के कान्हा क्लब परिसर में सुबह अरुणोदय के साथ ही खिलाडिय़ों ने स्वर्णिम भारत महोत्सव का आगाज करते हुए सूर्यनमस्कार किया। कार्यक्रम में कान्हा क्लब के कोच जीडी उपासने के मार्गदर्शन में सभी खिलाडिय़ों को सूर्य नमस्कार कराया।

उल्लेखनीय है की देश की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ पर 75 सप्ताह पूर्व आजादी का अमृत महोत्सव शुरू होने जा रहा है। पूरे देश में यह महोत्सव मनाया जाएगा। इसके लिए हर राज्य ने अपने-अपने स्तर पर तैयारियां शुरू कर दी हैं।

हम सभी जानते हैं कि 12 मार्च 1930 को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने नमक सत्याग्रह की शुरुआत की थी। आजादी का अमृत महोत्सव इस तारीख तक जारी रहेगा। महोत्सव 15 अगस्त 2022 को देश की आजादी के 75 साल पूरे होने जा रहे हैं। इसी बात को ध्यान में रखते हुए 75वीं वर्षगांठ से एक साल पहले यानी 15 अगस्त 2021 से इन कार्यक्रमों को शुरुआत की गई है। जिसमें देश की अदम्य भावना के उत्सव दिखाने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे। इनमें संगीत, नृत्य, प्रवचन, प्रस्तावना पठन (प्रत्येक पंक्ति देश के विभिन्न क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करने वाली विभिन्न भाषाओं में) शामिल हैं। युवा शक्ति को भारत के भविष्य के रूप में दिखाते हुए गायकवृंद में 75 स्वर के साथ-साथ 75 नर्तक होंगे। यह कार्यक्रम 15 अगस्त 2023 तक जारी रहेंगे।

नमक सत्याग्रह की तरह 25 दिन में तय करेंगे 241 मील का रास्ता

दांडी मार्च की तर्ज पर इस कार्यक्रम की शुरुआत फ्रीडम मार्च नामक पदयात्रा से की जाएगी। यह यात्रा अहमदाबाद के साबरमती आश्रम से शुरू होकर दांडी तक जाएगी। दांडी यात्रा में महात्मा गांधी सहित 80 स्वतंत्रता सेनानियों ने भाग लिया था, इसी बात को ध्यान में रखकर इस फ्रीडम मार्च में भी 80 पदयात्रियों को शामिल किया गया है। 241 मील की यह यात्रा 25 दिन में 5 अप्रैल को समाप्त होगी। दांडी के रास्ते में विभिन्न समूहों के लोग पदयात्रा में शामिल होंगे।

चरखे के रास्ते वोकल फॉर लोकल

इस आयोजन के माध्यम से ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान को बढ़ावा देने की कोशिश की जा रही है। इसे लोकप्रिय बनाने के लिए साबरमती आश्रम में मगन निवास के पास एक चरखा स्थापित किया जाएगा। कोई भी व्यक्ति जब कोई भी स्थानीय उत्पाद खरीदेगा और ‘वोकल फॉर लोकल’ का इस्तेमाल करते हुए उसकी एक तस्वीर सोशल मीडिया पर पोस्ट करेगा तो आत्मनिर्भरता से संबंधित प्रत्येक ट्वीट के साथ यह चरखा एक बार घूमेगा।

कोच जीडी उपासने ने कहा  कि आजादी का अमृत महोत्सव यानी आजादी की ऊर्जा का अमृत। आजादी का अमृत महोत्सव यानी स्वाधीनता सेनानियों से प्रेरणाओं का अमृत। आजादी का अमृत महोत्सव यानी नए विचारों का अमृत। नए संकल्पों का अमृत। आजादी का अमृत महोत्सव यानी आत्मनिर्भरता का अमृत।

दांडी मार्च का ऐतिहासिक महत्व

दांडी मार्च को नमक सत्याग्रह के तौर पर भी जाना जाता है। 1930 में अंग्रेजी शासन में भारतीयों को नमक बनाने का अधिकार नहीं था। उन्हें इंग्लैंड से आने वाला नमक का ही इस्तेमाल करना पड़ता था। इतना ही नहीं, अंग्रेजों ने इस नमक पर कई गुना कर भी लगा दिया था। लेकिन नमक जीवन के लिए आवश्यक वस्तु है इसलिए इस कर को हटाने के लिए गांधी ने यह सत्याग्रह चलाया था।

खिलाड़ी रहे उपस्थित कोच जीडी उपासन,े विकाश रोहरा, प्रकास सरवैय्या, छगन यादव, टिंकु ठाकुर, प्रीत सोनी, महेंद्र, रवी यादव, रमन साहू, ललित साहू,  इमरान मेमन, अख़्तर खान, जयमूनी बगरती, कादर खान, हेमशिखर धुव, अरबाज़ खान, चिनु ठाकुर, आशीष सपहा, मनोज भगत, गुनचु प्रहलाद यादव, होरी यादव, लच्छी यादव ने इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया।

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