रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 24 जनवरी। सीमा सुरक्षा बलों द्वारा छत्तीसगढ़ नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में चलाए गए नक्सल उन्मूलन अभियान को लेकर नया रायपुर स्थित बीएसएफ मुख्यालय में सोमवार को बीएसएफ जवानों की उपलब्धि के संबंध में पत्रकारवार्ता में बीएसएफ के एडीजी एसके भट्टी ने बताया कि सीमा सुरक्षा बल छत्तीसगढ़़ और ओडिशा में 2009-10 में 41 सीओबी पोस्ट के साथ शुरू किया गया था। जो आज बढक़र 108 सीओबी तक पहुंच गया है।
दो सालों में छत्तीसगढ़ में 8 नए सीओबी की स्थापना की गई है। पिछले एक दशक से भी अधिक समय से बीएसएफ छत्तीसगढ़ और ओडिशा को नक्सल समस्याओं से निपटने में महत्वपूर्ण योगदान देती रही है। वर्तमान में बीएसएफ छत्तीसगढ़ के कांकेर, नारायणपुर और कोण्डागांव, ओडिशा के मलकानागिरी कोरापुट जिले में तैनात हैं, जो किसी समय में अति नक्सली प्रभावित जिले में जाने जाते थे।
बीएसएफ के जवानों द्वारा 16 कमांडो और पुलिस के संयुक्त टीम के द्वारा नक्सली इलाकों में छापेमारी कर माओवादियों की संख्या कम हुई है। नक्सल प्रभावित इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए बीएसएफ के द्वारा सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता रहा है। जनजाति युवाओं को पिछले 10 वर्षों से सांस्कृतिक अदान-प्रदान के लिए अन्य राज्यों का भ्रमण कराया जाता रहा है।
पर्यावरण संरक्षण स्वास्थ्य, शिक्षा और इन जिलों में विकास कार्यों में सीमा सुरक्षा बल का योगदान सराहनीय रहा है। नक्सल प्रभावित अंदरूनी इलाकों में सडक़ों का अभाव, नक्सलवाद फैलने का एक कारण रहा। इन क्षेत्रों में सडक़ और पुल निर्माण कार्यों में बीएसएफ प्रशासन की मदद से नक्सल गतिविधियों पर रोक लगाई है। सुदूर इलाकों में संचार दुरूस्त करने के लिए मोबाइल टावर लगाए गए।