राजनांदगांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 28 जनवरी। जिला पंचायत अध्यक्ष गीता साहू ने कहा कि छुरिया ब्लॉक के केरेगांव के आदिवासी किसान सुरेश नेताम ने शासन की किसान विरोधी नीति व गिरदावरी के नाम पर किसानों के धान रकबे में कटौती के चलते आत्महत्या कर ली। जिससे मृतक सुरेश, उसकी पत्नी व तीन बच्चे व उस पर आश्रित परिवार आज मुखियाविहीन हो गया है। इसका एकमात्र कारण उसके धान रकबे में कटौती।
वहीं शासन-प्रशासन ने अपनी गलतियों को मानने के बजाय उल्टे मृतक की पत्नी व परिजनों पर लगातार दबाव बनाए रहे और मृतक के धान भूमि को पड़त व बंजर स्थापित करने में लगे रहे।
अध्यक्ष श्रीमती साहू न कहा कि मृतक किसान परिवार को न्याय मिले। भूपेश सरकार अन्य प्रदेश के किसानों को आत्महत्या मामले में 50 लाख रुपए दे रही है। ठीक उसी प्रकार अपने प्रदेश के किसान मृतक सुरेश नेताम की पत्नी और उनके आश्रितों को उचित मुआवजा दे और दोषी अधिकारी-कर्मचारी को बर्खास्त करने की मांग की है।
उन्होंने कहा कि गत् 15 दिसंबर को छुरिया के ग्राम केरेगांव निवासी सुरेश नेताम ने अपने धान के रकबे में कटौती के चलते फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। मृतक किसान के पास कुल 3.80 एकड़ कृषि भूमि है। जिसमें से मात्र 58 डिसमिल भूमि ही पड़त है। वह प्रतिवर्ष लगभग 3.25 एकड़ भूमि में धान की फसल लेकर उसे सोसाइटी के माध्यम से विक्रय करते आ रहा था, परंतु इस बार राजस्व विभाग की लापरवाही के चलते मृतक सुरेश के मात्र डेड़ एकड़ धान का पंजीयन हुआ था। जिसके चलते वह परेशान था।