दुर्ग

बड़ी एफडी का झांसा दे अंजान कॉलर ने एसबीआई मैनेजर से ठग लिए 19 लाख
28-Jan-2022 4:06 PM
बड़ी एफडी का झांसा दे अंजान कॉलर ने एसबीआई मैनेजर से ठग लिए 19 लाख

मामला दुर्ग जिला के मोहन नगर क्षेत्र का

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
भिलाई नगर, 28 जनवरी।
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया दुर्ग के प्रबंधक ने एक अंजान कॉल पर एक बड़े व्यवसायी के खाते से दो अलग-अलग अकाउंट में 18 लाख से अधिक रकम ट्रांसफर कर दी। कुछ देर बाद जब अंजान कॉलर ने और रुपए ट्रांसफर करने की बात कही तो मैनेजर को गलती का अहसास हुआ। इस ठगी के मामले में मोहन नगर पुलिस ने शिकायत दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

मोहन नगर टीआई जितेंद्र वर्मा ने बताया कि भारतीय स्टेट बैंक एसएमई शाखा अग्रसेन चौक स्टेशन रोड दुर्ग के ब्रांच मैनेजर अनुरंजन कुमार प्रजापति ने शिकायत में बताया है कि 24 जनवरी की दोपहर 1 बजे उनके मोबाइल पर एक अज्ञात व्यक्ति का फोन आया। उसने अपने आप को दुर्ग के कारोबारी कैलाश मध्यानी का पार्टनर वेंकटेश मोटर्स का मालिक बताया और उनकी शाखा में बड़ी एफडी करने की इच्छा जताते हुए कहा कि वह खुद बैंक आएगा।
 कुछ देर बाद फिर से उसी व्यक्ति ने ब्रांच मैनेजर के मोबाइल पर कहा कि वह रास्ते में जरूरी काम से फंस गया है। उसे अर्जेंट में दो बैंक अकाउंट में पैसा ट्रांसफर करवाना है।

बैंक मैनेजर को विश्वास में लेते हुए कहा कि वह वेंकटेश मोटर्स के अकाउंट से पैसा ट्रांसफर कर दे और वह बैंक आकर उतने रुपए का उन्हें चेक दे देगा। उसने बैंक मैनेजर को मेल पर वेंकटेश मोटर्स और रुपए ट्रांसफर करने वाले दोनों खातों की डिटेल्स भी मेल की। इससे बैंक मैनेजर को विश्वास हो गया। कॉलर ने बैंक मैनेजर को चेक नंबर भी बताया।

बैंक मैनेजर ने कॉलर के कहने पर परमजीत कौर के इंडस इंड बैंक के खाते में 9 लाख 45 हजार 800 रुपए और कांती रानी के आईसीआईसीआई बैंक के खाते में 8 लाख 78 हजार 980 रुपए ट्रांसफर कर दिया। इसके एवज में कॉलर ने दो चेक नंबर एवं बताए। इन दोनों चेक को उसने बैंक में आकर जमा करने की बात कही।

बैंक मैनेजर ने बताया कि जब उसने दोनों बताए खातों में 18 लाख 24 हजार 780 रुपए ट्रांसफर कर दिए तो उसके थोड़ी देर बाद उसी कॉलर का फिर से फोन आया। उसने दो और खातों में आरटीजीएस करने कहा। इस पर बैंक मैनेजर को शक हुआ तो उसने कैलाश मध्यानी को फोन किया। जब कैलाश मध्यानी ने ऐसे किसी भी लेन-देन से इंकार किया। तब मैनेजर के पैरों तले जमीन खिसक गई और उन्हें ठगे जाने का अहसास हुआ। उसने इसकी जानकारी उच्चाधिकारियों को दी।
बैंक मैनेजर अनुरंजन कुमार प्रजापति ने बताया कि कैलाश मध्यानी उनकी शाखा के सम्मानीय ग्राहक हैं। कॉलर ने मेल पर जो भी जानकारी भेजी, वह मिलान करने पर सही पाई गई। चेक नंबर तक उसने सही बताया था। इसके बाद उसे विश्वास हो गया कि कॉल करने वाला मध्यानी का पार्टनर और उसने विश्वास में आकर रुपए ट्रांसफर कर दिए। मोहन नगर पुलिस ने धारा 420 के तहत अपराध दर्ज कर मामले की जांच में जुट गई है।
 

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