रायगढ़
आरोपियों के चंगुल से पुलिस ने किया बरामद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़,28 जनवरी। घरघोड़ा थाना क्षेत्र से लापता हुई 17 वर्षीय नाबालिग की घरघोड़ा टीआई अमित सिंह के नेतृत्व में कोरबा से आरोपी युवक के कब्जे से सकुशल बरामदगी की गई है। नाबालिग ने पुलिस को बताया कि परिवारजनों से आरोपी का पुराना विवाद था। जिससे आरोपी द्वारा सुनियोजित तरीके से अपने साथी के साथ नाबालिग को रात्रि उसके घर के बाहर से उठाकर कार में लेकर फरार हो गया।
इस संबंध में बालिका के पिता द्वारा 24 जनवरी को थाना घरघोड़ा में रिपोर्ट दर्ज कराया कि इसकी नाबालिगपुत्री रात्रि में दिशा मैदान के लिये आंगन में भतीजी के साथ निकली थी, जिसे दो व्यक्ति जबरन अपने कार में बैठा कर अपहरण कर ले गये। सुबह बालिका के कमरे में नहीं मिलने पर घर परिवार के लोग खोजबिन किए, तब डरी सहमी नाबालिग लडक़ी (प्रार्थी की भतीजी) परिवारजनों को बताया कि रात में दो व्यक्ति जबरदस्ती उठाकर कार से ले गये हैं, तब पता किया तो पता चला कि आरोपी संतोष सारथी व गुरूचरण महंत निवासी कया द्वारा नाबालिग का अपहरण कर ले जाने की जानकारी मिली। रिपोर्ट पर थाना घरघोड़ा में धारा 363 भादवि दर्ज कायम कर विवेचना में लिया गया।
नाबालिग के अपहरण मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अफसर द्वारा तत्काल पतासाजी, बरामदगी के लिये दिशा-निर्देश दिया गया। पुलिस टीम को कोरबा में छिपाकर रहने की जानकारी हुई, तत्काल पुलिस टीम कोरबा रवाना हुई। जहां पतासाजी दौरान ग्राम रजगामार कोरबा में आरोपी संतोष सारथी के कब्जे में मिली, नाबालिग एवं आरोपी को हिरासत में लाकर थाना लाया गया।
घटना को आरोपी संतोष सारथी एवं उसके साथी गुरूचरण महंत द्वारा रात्रि में अपने पिता के साथ पूर्व रंजिश को लेकर पीडि़ता अपहृता को षडयंत्रपूर्वक जबरन पकडक़र खींचते हुए कार में बैठा कर नाबालिग (प्रार्थी की भतीजी) को किसी को बताने पर जान से मार देने की धमकी देना उठाकर ले जाना बताई और ग्राम रजगामार में रखना बताई। जिस पर आरोपियों के विरूद्ध धारा 342, 120 (बी), 506, 354,354(क) भादवि 17 पॉक्सो एक्ट संस्थित कर आरोपी के कबूलनामे पर आरोपी संतोष सारथी निवासी थानाक्षेत्र घरघोड़ा से घटना में प्रयुक्त एक कार को जब्त कर आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेजा गया। प्रकरण में उच्चाधिकारियों के दिशा-निर्देश व मार्गदर्शन व पुलिस टीम के अथक प्रयास से महज 3 दिवस के भीतर अपहृत नाबालिग को आरोपी के चंगुल से छुड़ाकर परिजनों को सुपुर्द किया गया तथा एक आरोपी संतोष सारथी को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया।
प्रकरण का एक साथी आरोपी गुरूचरण महंत घटना दिनांक से रिपोर्ट होने की भनक लगने पर अन्यत्र फरार है जिसकी पतासाजी की जा रही है।