रायपुर
नोडल सिविल लाइंस थाना में बैंक की सूचना पर अज्ञात के खिलाफ केस
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 28 जनवरी। राजधानी के एक्सिस बैंक में नकली नोट का कारोबार हुआ है। रकम जमा करने वालों ने बैंक अधिकारियों की आंख में धूल झोंककर चार से पांच साल में ही ब्रांच में 5.60 लाख रुपये के जाली नोट थमा दिए हैं। अब जब चार साल बाद मामला फूटा है, केस सिविल लाइंस थाना पुलिस के हवाले किया है। टीआई सत्यप्रकाश तिवारी ने मामले में अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज करने की पुष्टि की है। बैंक द्वारा तय किए गए नियमों से कहीं उलट जाली नोट जमा करने वालों के खिलाफ में सबूत मिलने के बाद आगे की कार्रवाई होगी। बता दें नोटबंदी होने के बाद जाली नोट का मामला सिविल लाइंस थाना पहुंचा है।
टीआई ने बताया, वर्ष 2018 से 2021 तक एक्सीस बैंक की पचपेड़ी नाका स्थित शाखा में जाली नोट जमा कराया गया। 10 जनवरी 2018 के माध्यम से 2 हजार रू के 3 जाली नोट 5 सौ रू के 8 जाली नोट 100 रू के 21 जाली नोट कुल 12100 रू (02) जमा कराए गए। इसके बाद हर महीने नोटों की जांच करने के बाद जाली नोट के बड़े कारोबार का भंडाफोड़ हो सका। टीआई ने बताया 5,60,560 रू0 (पांच लाख साठ हजार पांच सौ साठ रूपये) का जाली नोट को पचपेड़ी नाका स्थित एक्सिस बैंक की शाखा में जमा कराया गया। जिसकी लिखित शिकायत पर धारा सदर का अपराध घटित होना पाये जाने से अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। कब कितने नोट, बैंक ने दिया हिसाब
पुलिस को सौंपे गए ब्योरा में बैंक प्रबंधन ने तिथिवार जमा किए गए जाली नोट का ब्योरा दिया है। जाली नोट जमा करने का सिलसिला 2018 फरवरी महीने से शुरू हुआ। पहले दिन 3600 रुपये के जाली नोट जमा किए गए। इस तरह से यह कारोबार 2022 तक चलता रहा।
जमा किए गए जाली नोट में 2000 रुपये, 500 रुपये और 100 रुपये के जाली नोट हैं।
अक्टूबर 2021 में सबसे ज्यादा रकम
बैंक को मिले जाली नोटों के हिसाब से सबसे ज्यादा नुकसान अक्टूबर 2021 में हुआ है। इस साल सबसे ज्यादा जाली नोट बैंक में जमा कराए गए हैं। पुलिस को दिए गए हिसाब में रुपयों का हिसाब 21 हजार 900 के पार है। इतनी बड़ी रकम खपाने के लिए अलग-अलग बंडल में नोटों को खपाया गया।