महासमुन्द

आदिवासी युवती काम से दो दिन नहीं लौटी, रिपोर्ट दर्ज के बाद भी कार्रवाई नहीं
28-Jan-2022 5:35 PM
आदिवासी युवती काम से दो दिन नहीं लौटी, रिपोर्ट दर्ज के बाद भी कार्रवाई नहीं

सर्व समाज- बजरंग दल पदाधिकारी मिले पुलिस अफसर से
विवाहित मुस्लिम युवक से छुड़ाकर परिजनों को सौंपा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
 महासमुंद, 28 जनवरी।
जिला मुख्यालय के नजदीकी गांव कनेकेरा की एक आदिवासी युवती को शादीशुदा मुस्लिम युवक के छुड़ाकर आज परिजनों को सौंपा गया है।

युवती के चाचा का आरोप है कि महासमुंद कोतवाली पुलिस को युवती के लापता होने की सूचना उन्होंने 26 जनवरी को दी थी। उक्त नामदज रिपोर्ट वाले आवेदन को कोतवाली पुलिस ने आला अफसरों से छिपाकर रखा था। परिजनों का आरोप है कि कोतवाली पुलिस का इस मामले में आरोपी को संरक्षण है।

पुलिस अधीक्षक से मुलाकात करने आज दोपहर 3 बजे कनेकेरा गांव के पुरुष, महिलाएं और युवा कंट्रोल रूम पहुंचे थे। जहां अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मेघा टेंभुरकर ने युवती को कंट्रोल रूम परिसर में ही परिजनों को सौंप दिया है।

पूरा मामला यह है कि कनेकेरा गांव की युवती महासमुंद स्थित सोहम अस्पताल में नर्स का काम करती हैं। उसी अस्पताल में नजरुद्दीन नाम का युवक की काम करता है। पहले ही आरोपी युवक की दो शादियां हो चुकी है। बावजूद कनेकेरा की युवती से उसने प्रेम किया। युवती प्रतिदिन गांव से आकर महासमुंद अस्पताल आकर ड्यूटी करती थी और हर शाम घर को वापस हो जाती थी, लेकिन बीते 23 जनवरी की शाम वह घर नहीं लौटी। मोबाइल पर चाचा ने बात की तो युवती ने कहा कि एक नर्स की तबीयत खराब होने की वजह से उसके स्थान पर ड्यूटी कर रही हूं। दूसरे दिन भी यही हुआ और वह घर नहीं लौटी। घर वालों ने 25 जनवरी को पता लगा लिया कि युवती नजरुद्दीन के साथ है। इसके बाद मोबाइल से बातचीत के दौरान युवती ने परिजनों को साफ कह दिया कि-मैं नजीरुद्दीन से शादी करना चाहती हूं, अभी उसी के साथ उसके घर में हूं। फोन पर परिजनों ने युवती को समझाने की कोशिश की, लेकिन वह नहीं मानी।

इसके बाद 26 जनवरी को परिजनों ने कोतवाली पहुंचकर गुमशुदगी का नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई।

पुलिस कार्रवाई नहीं होते देख परिजनों ने गांव वालों के सामने यह बात रखी और गांव वालों ने आदिवासी समाज का साथ देते हुए इसकी सूचना सर्व समाज और बजरंग दल के जिला पदाधिकारियों को दी। पदाधिकारियों ने एसपी-डीएसपी से इस संबंध में बात की, तब पता चला कि अफसरों तक युवती के परिजनों का आवेदन पहुंचा ही नहीं है। बातचीत के दौरान पदाधिकारियों ने मुलाकात का समय मांगकर एडिशनल एसपी मेघा टेम्भुरकर से युवती को वापस परिजनों को सौंपने की मांग की।

इस तरह युवती के परिजनों को आज मुलाकात का समय देकर महासमुंद पुलिस ने नजरुद्द्ीन को सूचना भेजकर युवती को कंट्रोल रूम पहुंचाने कहा। युवती कंट्रोल रूम पहुंची और कनेकेरा वाले भी बजरंग दल, सर्व समाज के पदाधिकारियों समेत पहुंचे।

यहां पहुंचे आदिवासी समाज के लोगों ने ‘छत्तीसगढ़’ को बताया कि पुलिस उनसे नहीं मिलना चाहती थी, सिर्फ प्रतिनिधियों से मिलकर बातें करना चाहती थी। हमने अपना प्रतिनिधि एसपी दफ्तर में भेजकर सीधे कंट्रोल रूम में पहुंचना उचित समझा, क्योंकि युवती यहीं थी। गांव वाले महिला, पुरुष, युवा भीड़ में कंट्रोल रूम पहुंचे और नारेबाजी करते रहे। इसी बीच अतिरिक्ति पुलिस अधीक्षक मेघा टेम्भुरकर कंट्रोल रूम पहुंची और महिला परिजनों को भीतर बुलाकर युवती से बात करने कहा। बातचीत के दौरान युवती परिजनों के साथ जाने के लिए राजी हो गई।

इसकी जानकारी अभी नहीं मिली है कि नजीरुद्दीन पर मामला दर्ज हुआ है या नहीं। नजीरुद्दीन महासमुंद निवासी है। सर्व समाज के लोगों का कहना है कि यह मामला प्रेम का नहीं है, क्योंकि आरोपी शादी शुदा है। जिम्मेदार होते हुए भी उसने अलग धर्म की कुंवारी युवती को फंसाया है। इसलिए उस पर मामला भी दर्ज होना चाहिए। इन्होंने कहा है कि यदि पुलिस इस मामले में गंभीर नहीं होती है तो उग्र आंदोलन किया जाएगा।

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