कांकेर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कांकेर, 22 फरवरी। भानुप्रतापदेव शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय कांकेर के रोजगार मार्गदर्शन समिति तथा नेहरू युवा केंद्र कांकेर के संयुक्त तत्वावधान में महाविद्यालय के स्नातकोत्तर कक्षा के विद्यार्थियों के लिए एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसका विषय था रोजगार मार्गदर्शन व भविष्य की तैयारी तथा दिशा।
कार्यशाला का शुभारंभ महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य डॉ व्ही के रामटेके, मुख्य वक्ता डॉ अभिषेक कुमार मिश्रा ने किया। आयोजन के संयोजक डॉ. जय सिंह, वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ एस आर बंजारे तथा अन्य उपस्थित अतिथियों द्वारा मां सरस्वती के पूजन वंदन के साथ हुआ। अपने उद्बोधन में प्रभारी प्राचार्य डॉ रामटेके ने कहा कि भविष्य की तैयारी हेतु हमें पूरे मनोयोग से अपने कौशल के विकास पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। हमारे छोटे छोटे प्रयास से समाज को बड़ा लाभ हो सकता है। विज्ञान के विद्यार्थी के रूप में यह हमारा कर्तव्य है कि हमारे ज्ञान का लाभ समाज को मिले।
डॉ बंजारे ने कहा कि कौशल विकास हेतु हमें लगातार अच्छे साहित्य का अध्ययन करते रहना चाहिए। मुख्य वक्ता डॉ अभिषेक मिश्रा ने पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से विद्यार्थियों को विज्ञान विषय में स्नातकोत्तर के पश्चात विभिन्न फंडिंग एजेंसीयों के माध्यम से शोध के अवसर प्राप्त होने वाले फैलोशिप तथा सेवा के विभिन्न क्षेत्रों का विवरण विस्तार पूर्वक प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि यदि शोध के क्षेत्र में विद्यार्थी लगातार अपने कौशल का विकास कर कार्य करना चाहे तो असीमित संभावनाएं मौजूद हैं। यदि हमें नौकरी नहीं मिले तो भी शोध एजेंसियों के साथ कार्य कर ज्ञान का निर्माण तथा समाज के लिए भलाई का कार्य करते हुए अपने लिए पर्याप्त आजीविका के अवसर बना सकते हैं।
उन्होंने यूजीसी, आईसीएमआर, डीएसटी इत्यादि प्रतिष्ठित संस्थाओं के माध्यम से प्राप्त होने वाले शोध अवसरों व फेलोशिप के बारे में विद्यार्थियों को अवगत कराया। दूसरे वक्ता डॉ जयसिंह ने विद्यार्थियों को जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए कौशल विकास का महत्व समझाया।
उन्होंने कहा कि जीवन में यदि हमें सफलता प्राप्त करनी है तो जीवन के सभी पक्षों से संबंधित कौशलों का विकास करना होगा। यह विकास हार्ड स्किल और सॉफ्ट स्किल दोनों ही रूपों में होना चाहिए। हमारे सफल भविष्य हेतु जितनी आवश्यकता ज्ञान प्राप्ति अर्थात हार्ड स्किल की है उतनी ही आवश्यकता जीवन के मानवीय गुणों जैसे संचार कौशल तथा नैतिक विकास जैसे सॉफ्ट स्किल्स की भी है।