जान्जगीर-चाम्पा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदा, 13 मार्च। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की भूतपूर्व मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी हृदय मोहिनी की 11 मार्च को प्रथम पुण्यतिथि पर बलौदा सेवा केंद्र में दादी जी के निमित्त भोग लगाया गया, साथ ही मंजू दीदी जी ने दादी जी के साथ का अनुभव सुनाया कि कैसे दादी गुलजार जी भगवान का रथ होते हुए भी उनका जीवन सरल और शांत था।
दादीजी सरलता की प्रतिमूर्ति थी, शांति की फरिश्ता व शांति की देवी थी। खुशी-खुशी से सेवा करके सफलता को प्राप्त कर लेती थी। दादी जी परमात्मा प्यार व परमात्मा मिलन का सभी को अनुभव कराती थी। दादी जी के पास कोई भी प्रश्न लेकर जाता तो उनके साइलेंस की शक्ति से उनको स्वत ही उत्तर मिल जाता था। दादी ह्रदय मोहिनी जी के यादगार में संस्था के मुख्यालय में अव्यक्त लोक स्तंभ स्थापित किया गया है जिसका लोकार्पण 11 मार्च को हुआ।
इस अवसर पर सेवा केंद्र के सभी भाई बहनों ने दादी जी की शिक्षाओं को धारण करने का संकल्प लेते हुए भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी।