सुकमा

कलेक्टर हटाओ के नारे के साथ आदिवासी समाज ने घेरा कलेक्टोरेट
22-Mar-2022 9:56 PM
कलेक्टर हटाओ के नारे के साथ आदिवासी समाज ने घेरा कलेक्टोरेट

  हमारी समस्या नहीं सुनते कलेक्टर- सर्व आदिवासी समाज  

सुरक्षा घेरा तोड़ परिसर में घुसे

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सुकमा, 22 मार्च।
सर्व आदिवासी समाज ने मंगलवार को अपनी मांगों को लेकर कलेक्टोरेट का घेराव किया। भारी पुलिस बल की तैनाती के बावजूद सुरक्षा घेरा तोड़ परिसर में ग्रामीण घुस आए। इस दौरान कलेक्टर हटाओ के नारे लगाए गए।

समाज के पदाधिकारियों का आरोप है कि 11 मार्च को स्थानीय भर्ती में जिले के युवाओं को मौके देने की मांग लेकर आदिवासी समाज कलेक्टर से मिलने आया था। दो बार सूचना देने के बाद भी कलेक्टर विनीत नंदनवार समाज प्रमुखों से मिलने से मना कर दिये। इससे नाराज समाज प्रमुखों ने कलेक्टर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया।

सर्व आदिवासी समाज के जिला अध्यक्ष पोज्जाराम मरकाम ने कहा कि समाज के पदाधिकारियों क्षेत्र की समस्या लेकर कलेक्टर से मिलने आये थे। कलेक्टर ने मिलने से मना कर दिया, यह समाज के पदाधिकारियों का ही नहीं बल्कि पूरे बस्तर के मूल निवासी समाज का अपमान है, इसलिए कलेक्टर सुकमा को हटाया जाये,  यदि कलेक्टर को नहीं हटाया जाता है तो आदिवासी समाज फिर से उग्र प्रदर्शन करने के लिए बाध्य होगा।

  मंगलवार को 20 सूत्रीय मांगों को लेकर सर्व आदिवासी समाज के बैनर तले हजारों की संख्या में ग्रामीणों ने जंगी प्रदर्शन किया। शहर के मिनी स्टेडियम से पैदल मार्च करते हुए कलेकटोरेट पहुंचे। पुलिस प्रशासन को पहले ही उनकी रैली की खबर लग चुकी थी. लिहाजा जैसे ही रैली कलेक्टोरेट के मुख्य द्वार पर पहुंची, पुलिस ने गेट बंद कर लिया.

 सुरक्षा के नाम पर पुलिस ने मनाव श्रंखला के रूप में बैरिकेटिंग की थी, जिसे तोड़ ग्रामीण जिला कार्यालय के परिसर में घुस गये और पोर्च तक पहुंच गये। इस दौरान जिला प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए ग्रामीणों ने अपना आक्रोश जताया।

इस दौरान 20 सूत्रीय मांगों के ज्ञापन को सिर्फ कलेक्टर को देने आदिवासी अड़ गये। करीब डेढ़ घंटे ग्रामीण कलेक्टोरेट परिसर में कलेक्टर हटाओ के नारे लगाये। मौके पर मौजूद पुलिस अधिकारियों की समझाईश के बाद भी ग्रामीण नहीं माने। भारी मशक्कत के बाद समाज के पदाधिकारियों की समझाईश के बाद ग्रामीणों ने अपना आंदोलन खत्म किया।

 मांगों का ज्ञापन ज्ञापन संयुक्त कार्यालय भवन के पोर्च में सुकमा एसडीएम प्रीति दुर्गम को सौंपा। इसके बाद पॉलिटेक्निक कॉलेज के सामने स्थित मैदान में सभी जमा हुए। इस दौरान आदिवासी समाज के पदाधिकारी मौजूद रहे।

समाज की प्रमुख मांगें...
सर्व आदिवासी समाज ने 20 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सौंपा, जिसमें प्रमुख महात्मा गांधी रोजगार गारंटी के अंतर्गत लंबित मजदूरी भुगतान तत्काल दिया जाए, आदिवासी के नाम से फर्जी जाति पर कार्यरत शासकीय कर्मचारियों को तत्काल बर्खास्त किया जाए, जिले में जाति प्रमाण-पत्र की तरह मिसल, वंशावली रिकार्ड के आधार पर निवास प्रमाण-पत्र बनवाया जाए, साथ ही जिले में ईसाई मिशनरियों के द्वारा आदिवासियों को बहला-फुसलाकर जबरन धर्मांतरण कराया जा रहा है, ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाए, वहीं जिले में हजारों बेकसुर आदिवासियों को नक्सलियों के नाम पर जेल भेजा गया, उन्हें निष्पक्ष जांच कर रिहा किया जाए, एड़समेटा में मारे गए निर्दोष आदिवासी परिवारों को मुआवजा व नौकरी दिया जाए। साथ ही जिले में बेरोजगारों को बेरोजगार भत्ता दिया जाए। पिछले कई सालों में गैर आदिवासियों के द्वारा जमीन खरीदी ब्रिकी पर धांधली किया जा रहा है जिसे 170 ख के तहत मूल मालिक को जमीन वापस किया जाए। कुछ अधिकारियों को हटाने की मांग समेत 20 सूत्रीय मांगें रखी गई।

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