बीजापुर
सरपंच-ग्रामीणों ने की जांच की मांग
बीजापुर, 19 अप्रैल। बीते कई दिनों से फरसेगढ़ सरपच व ग्राम प्रमुखों के नाम से पुलिस कैम्प सहित सडक़ निर्माण जैसे कईयों आवेदन फर्जी हस्ताक्षर कर गृह मंत्री व कलेक्टर के नाम से दिया जा रहा है। जिसका खुलासा एक फर्जी आवेदन के हाथ लगने से हुआ। सरपँच व ग्रामीणों के ने कलेक्टर को आवेदन सौंपते हुए जांच कर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की।
फरसेगढ़ सरपंच समैया उद्दे ने आवेदन में उल्लेख किया है कि फरसेगढ़ के सरपंच/ग्राम प्रमुखों के फर्जी हस्ताक्षर कर गृह मंत्री एवं कलेक्टर बीजापुर के नाम से संबोधित कर अंदरूनी गांवों में सडक़ तथा पुलिस कैम्प की स्थापना करने के संबंध में पत्र दिनांक 21/10/2020 को दिया गया है। उक्त पत्र में सम्मैया उद्दे, सरपंच ग्राम पंचायत फरसेगढ़ का फर्जी सील व हस्ताक्षर, प्रमेन्द्र कुमार बारसे, नरसैया उद्दे, गोपाल शाह मण्डावी का नाम का उल्लेख करते हुए फर्जी हस्ताक्षर कर ग्राम पंचायत सागमेटा में कैम्प की व्यवस्था ग्राम पंचायत पीलूर में कैम्प की व्यवस्था, ग्राम पंचायत सण्ड्रा, ग्राम एडापल्ली में कैम्प की व्यवस्था तथा ग्राम कचलारम में कैम्प की व्यवस्था की मांग करते हुए फर्जी आवेदन सौंपा गया है, किन्तु ग्राम पंचायत फरसेगढ़ के सरपंच ग्राम प्रमुखों का अन्य ग्राम पंचायत एवं ग्राम से कोई मतलब नहीं है। मेरे द्वारा ऐसा कोई पत्र मंत्री जी को और कलेक्टर जिला बीजापुर को नहीं लिखी गई है और न कोई हस्ताक्षर मेरे द्वारा की गई है और ना ही हम ग्रामप्रमुखों के द्वारा हस्ताक्षर किया गया है। हम ग्रामवासी सिर्फ फरसेगढ़ का विकास चाहेंगे न ही अन्य ग्रामों के लिये पुलिस कैम्पो सहित सडक़ का मांग करेंगे। हमें ऐसा लगता है कि किसी आसामाजिक तत्वों के द्वारा षडयंत्र पूर्वक फर्जी हस्ताक्षर एवं सील एवं ग्राम प्रमुखों के हस्ताक्षर का दुरूपयोग किया गया है।
आगे कहा कि इसके पूर्व में भी मेरे सील व हस्ताक्षर का फर्जी तरीके से इस्तेमाल कर जाति प्रमाण पत्र तैयार किया गया है तथा पंचायत प्रस्ताव तैयार कर कई कार्यालय में प्रस्तुत किया गया है। मेरे एवं ग्रामवासियों को संलग्न फर्जी पत्र के पता होने के बाद ज्ञात हुआ है कि मेरे फर्जी हस्ताक्षर कर सरपंच तथा ग्रामवासियों को फर्जी पत्र के माध्यम से फंसाया जा रहा है।
कलेक्टर से निवेदन किया है कि फर्जी पत्र की जांच करते हुए दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करें।