राजनांदगांव
राजनांदगांव, 21 अप्रैल। कान्यकुब्ज सभा, सर्व ब्राम्हण समाज, संस्कार श्रद्धांजलि समिति के संयुक्त तत्वावधान में गत् दिनों स्व. पं. शिवकुमार शास्त्री की 103वीं जयंती कान्यकुब्ज सभा भवन में मनाई गई। कार्यक्रम में तीनों समितियों के सदस्यों के साथ कान्यकुब्ज ब्राम्हण समाज, विभिन्न समाजों व भारतीय जनता पार्टी के गणमान्य सदस्य भी उपस्थित रहेे। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि रचनाकार पं. गणेश शंकर शर्मा व अध्यक्षता डॉ. सूर्यप्रकाश द्विवेदी ने की। विशिष्ट अतिथि पं. प्रकाश शुक्ला उपस्थित थे।
कार्यक्रम मेंं मुख्य अतिथि श्री शर्मा ने कहा कि शास्त्री जी राष्ट्रीय स्तर की प्रतिष्ठा रखने के बावजूद सरल, धर्म-कर्म के प्रति समर्पित, समदृष्टि सम्पन्न और ईमानदार व्यक्तित्व के धनी थे। संघ और भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के मन में उनके प्रति जितना आदर था उतना ही कांग्रेस और अन्य दलों के नेताओं के हृदय में भी था। आपातकाल में जेल में रहकर भी उन्होंने अपने संस्कार और कर्म नहीं छोड़ा। उन्होंने शास्त्री के व्यक्तित्व को अलिखित साहित्य बताया। उन्होंने कहा कि वे विरोधी विचारधारा के व्यक्ति के लिए भी उतने ही सरल, सहज और सहायक थे जितने की अपनी विचारधारा वालों के प्रति।
अध्यक्षता करते डॉ. सूर्यप्रकाश द्विवेदी ने अपने उद्बोधन में शास्त्री जी के सामाजिक योगदान की प्रशंसा करते कहा कि कुछ लोग किसी समाज मे पैदा होकर गर्व महसूस करते है, पर कुछ विशेष लोग ऐसे होते हैं जिनके कारण समाज गर्व महसूस करता है। शास्त्री जी ऐसे ही बिरले व्यक्ति थे।
विशिष्ट अतिथि पं. प्रकाश शुक्ला ने शास्त्री के साथ हुई वार्ता में अध्यात्म, दर्शन एवं ज्योतिष संबंधी विमर्श को समझाया। डॉ. सुरुचि मिश्रा ने उनके द्वारा निर्मित सामाजिक एवं पारिवारिक एकता के सूत्रों को रेखांकित किया। उन्होंने श्रीराम मंदिर आंदोलन में शास्त्री जी की महती भूमिका और यहां हुए लाठीचार्ज से उनके मन में उत्पन्न क्षुब्धता से जुड़ी बातें याद की। अंत में आभार प्रदर्शन पं. अजय शुक्ला व संचालन पं. अखिलेश तिवारी ने किया।
कार्यक्रम में शिव वर्मा, अशोक लोहिया, वीडी तिवारी, पतंजलि बाजपेयी, सतीश भट्टड़, यज्ञ नारायण शुक्ला, प्रभात तिवारी, सुरेन्द्र दुबे, मुकेश तिवारी, सुरेन्द्रनाथ बाजपेयी, जगदीश प्रसाद मिश्रा, शक्ति मिश्रा, विकास शुक्ला, भूपेंद्र बाजपेयी, शैलेष शुक्ला, डा. चंद्रशेखर शर्मा, अमित शुक्ला, जसविंदर सिंह, दिवाकर बाजपेयी, प्रवीण शुक्ला, बंकिम शुक्ला, प्रभाकर बाजपेयी, माधुरी त्रिपाठी, ममता मिश्रा, मंजू मिश्रा, मृदुला पाण्डे, मीना पांडे, सुभाषिणी बाजपेयी, शशि बाजपेयी, इंदुमति तिवारी, शशि तिवारी, लक्ष्मी शुक्ला एवं अन्य उपस्थित थे।