राजनांदगांव

भारतीय कला-संगीत को संरक्षित कर बढ़ाएं आगे- उइके
28-Apr-2022 4:02 PM
भारतीय कला-संगीत को संरक्षित कर बढ़ाएं आगे- उइके

संगीत विवि का 16वां दीक्षांत समारोह

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 28 अप्रैल।
  राज्यपाल अनुसुईया उइके बुधवार को इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ के 16वें दीक्षांत समारोह में शामिल हुई। राज्यपाल सह अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर तथा राजकुमारी इंदिरा के छायाचित्र पर पुष्प अर्पित कर दीक्षांत समारोह का शुभारंभ किया गया। तत्पश्चात विवि के विद्यार्थियों ने कुलगीत की मनमोहक प्रस्तुति दी।

राज्यपाल उइके ने प्रसिद्ध कथक नृत्यांगना पद्मभूषण उमा शर्मा, पाश्र्व गायिका पद्मश्री कविता कृष्णमूर्ति, प्रो. पं. विद्याधर व्यास, प्रसिद्ध नाट्यकर्मी व राष्ट्र नाट्य विद्यालय के पूर्व निदेशक प्रो. देवेंद्रराज अंकुर तथा छत्तीसगढ़ के लोक गायक दिलीप षडंगी को डी. लिट् की मानद उपाधि प्रदान की। राज्यपाल उइके ने विद्यर्थियों को स्वर्ण पदक, स्नातक-स्नातकोत्तर की उपाधि और शोधार्थियों को पीएचडी की उपाधि भी प्रदान की। उन्होंने विद्यार्थियों व शोधार्थियों को उनकी उपलब्धि के लिए शुभकामनाएं दी।

दीक्षांत समारोह में राज्यपाल उइके ने कहा कि जिनका नाम सुना था, जिनके गाने सुने थे, आज उन्हें सम्मानित करके गौरवान्वित महसूस कर रही हूं। उन्होंने सभी कलाप्रेमियों से कहा कि कलाकार की नैतिक जिम्मेदारी भी है कि वह कला द्वारा शिक्षा भी दें, लेकिन समझने की आवश्यकता है कि कला का ज्ञान हमें केवल पुस्तकों सेे नहीं मिलता है। प्रत्येक कलाकार को इसके लिए साधना करनी होती है। भारतीय कला-चिंतन में भी कला को एक साधना माना गया है। किसी भी प्रकार के बंधन से मुक्त कलाकार, प्रेम और सद्भाव का संदेश देता है। राज्यपाल ने विद्यार्थियों व शोधार्थियों से कहा कि यदि आप दृढ़ संकल्पित हो जाएं तो आप भी डी. लिट् जैसी प्रतिष्ठित उपाधि प्राप्त कर सकते हैं। राज्यपाल ने कहा कि राजा वीरेन्द्र बहादुर सिंह एवं रानी पद्मावती देवी ने यह अमूल्य भेंट भारतीय संस्कृति को समर्पित की है। उन्होंने कहा कि दीक्षांत का मतलब सिर्फ विधिवत शिक्षा-सत्र की समाप्ति से है। अब आप जीवन के नए चरण में प्रवेश करेंगे।

उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल ने दीक्षांत समारोह के सफल आयोजन के लिए विश्वविद्यालय प्रबंधन को भी धन्यवाद दिया। सांसद संतोष पांडेय ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय की कुलपति मोक्षदा चंद्राकर ने स्वागत उद्बोधन के माध्यम से विश्वविद्यालय की गतिविधियों और उपलब्धियों की जानकारी दी। इस अवसर पर सभी अतिथियों को स्मृति चिन्ह से सम्मानित किया। इस अवसर पर संभागायुक्त महादेव कांवरे, कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा, पुलिस अधीक्षक संतोष सिंह, हेमचंद यादव विश्वविद्यालय के कुलपति अरूणा पल्टा, बिलासपुर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एडीएन वाजपेयी, खैरागढ़ विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार आईडी तिवारी साहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

गाय की सेवा सबसे बड़ा पुण्य कार्य
राज्यपाल उईके ने खैरागढ़ के मनोहर गौशाला पहुंचकर यहां कामधेनु माता मंदिर में पूजा-अर्चना की। राज्यपाल ने यहां गौमाता की पूजा कर मंगल कामना की। इस अवसर पर मनोहर गौशाला के संचालकों ने राज्यपाल उइके को गौ सेवा रत्न अलंकरण से सम्मानित किया। राज्यपाल उईके ने कहा कि गौमाता अपने आप में साक्षात भगवान का अवतार है। उन्होंने कहा कि मेरा सौभाग्य है कि मुझे यहां कामधेनु माता मंदिर दर्शन करने का अवसर मिला। उन्होंने कहा कि गौमाता के पुण्य प्रताप का लाभ जिंदगी में मिला है। जिसके प्रतिफल से मैं आज लाखों-करोड़ों लोगों की सेवा कर रही हूं। उन्होंने कहा कि गाय की सेवा से बढक़र और कोई पुण्य काम नहीं हो सकता। इस अवसर पर मनोहर गौशाला के संचालक पदम डाकलिया सहित अन्य सदस्य उपस्थित थे।
 

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