राजनांदगांव
खैरागढ़, 28 अप्रैल। खैरागढ़ महोत्सव और सोलहवें दीक्षांत समारोह के पहले शिक्षा में सरगम की मांग एक बार फिर से उठने लगी है। शिक्षा में हो सरगम अभियान के संयोजक भागवत शरण सिंह ने विश्वविद्यालय के विषयों को शिक्षा पाठ्यक्रम में शामिल करने की मांग की है।
उन्होंने कहा है कि विश्वविद्यालय से हर साल सैकड़ों स्नातक स्टूडेंट निकलते हैं, जिसमें सबसे ज्यादा संख्या राज्य के स्टूडेंट की होती है, परंतु रोजगार के मामले में वे सबसे पीछे हैं, क्योंकि कला शिक्षा को पाठ्यक्रम में शामिल नहीं किया गया है।
भागवत शरण सिंह ने बताया कि केंद्र पोषित शाला केंद्रीय विश्वविद्यालय एवं नवोदय विद्यालय में कला और संगीत शिक्षकों की नियुक्ति होती है, हालांकि उसमें छत्तीसगढि़ों की संख्या न के बराबर है। स्कूली शिक्षा पाठ्यक्रम में विश्वविद्यालय के विषय शामिल किया जाता है तो स्कूलों में बतौर शिक्षक नौकरी मिल सकेगा। विश्वविद्यालय सरगम की मांग साल 2011 से ही हो रही है। मांग को लेकर हस्ताक्षर अभियान भी चलाया जा चुका है।
पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह तथा पूर्व सभी राज्यपालों से लेकर विभिन्न जनप्रतिनिधियों तक बात पहुंचाई गई है। श्री सिंह ने कुलपति पद्मश्री ममता चंद्राकर से इस दिशा में पहल करने की मांग की है। कुलपति स्वयं लोक कला की कलाकार हंै। वे इन परेशानियों को बखूबी समझ सकती है।