राजनांदगांव

बौद्धिक मंदता के बच्चों को संवेदनशीलता के साथ विशेष प्रशिक्षण देने की जरूरत
01-May-2022 3:06 PM
बौद्धिक मंदता के बच्चों को संवेदनशीलता के साथ विशेष प्रशिक्षण देने की जरूरत

कलेक्टर ने बच्चों को अध्ययन के लिए किया प्रेरित

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 1 मई।
कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा ने शनिवार को जिले में दिव्यांग बच्चों एवं वृद्धजनों के हित में किए जा रहे कार्यों का जायजा लेने दिव्यांगजन शिक्षण-प्रशिक्षण सहपुर्नवास केन्द्र सामथ्र्य, अभिलाषा, श्री भगवान महावीर समता वृद्धाश्रम एवं शासकीय बाल संप्रेक्षण गृह (बालक) का निरीक्षण किया।

कलेक्टर सिन्हा ने कहा कि बौद्धिक मंदता वाले बच्चों को विशेष देखभाल की आवश्यकता होती है। वही उनके अध्ययन के लिए विशेष प्रशिक्षण की भी जरूरत होती है। उन्होंने सभी से कहा कि बच्चों को संवेदनशीलता के साथ प्रशिक्षित करें। बेहतर प्रशिक्षण से इन बच्चों में निहित प्रतिभा को बढ़ावा मिलेगा और वे आत्मनिर्भर होने की दिशा में आगे बढ़ेगे। उन्होंने 4 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित तथा छत्तीसगढ़ शासन के समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित दिव्यांगजनों के सामथ्र्य केन्द्र का अवलोकन किया। उन्होंने बौद्धिक मंदता वाले बच्चों से बात की और उनके अध्ययन के संबंध में प्रशिक्षकों से जानकारी ली। कलेक्टर ने बच्चों को अध्ययन के लिए प्रेरित किया। बच्चों ने उन्हें देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का नाम बताया एवं अन्य जानकारी दी। वहीं कुछ दिव्यांग बच्चे पेंटिंग एवं अन्य गतिविधियों में संलग्न थे। उन्होंंने वहां फिजियोथैरेपी कक्ष, लाईब्रेरी, नर्सिंग कक्ष, स्पीच थैरेपी तथा बालक-बालिका निवास एवं रसोई का निरीक्षण किया।

कलेक्टर ने वहां साफ-सफाई, मेंटेनेंस तथा अन्य सुविधाओं की प्रशंसा की। उन्होंने वहां उपस्थित नगर निगम के अधिकारी से बच्चों के लिए एक ओपन जिम का निर्माण करने के लिए कहा। अभी वर्तमान में संस्थान में 18 बच्चे हंै, लेकिन सर्वसुविधा को देखते यहां 100 बच्चों के लिए व्यवस्था करने के निर्देश दिए। उल्लेखनीय है कि यहां बौद्धिक मंदता वाले 6 से 18 आयु के बालक-बालिकाओं को विशेष प्रशिक्षकों द्वारा शिक्षा दी जा रही है। बौद्धिक मंदता के बच्चों के व्यवहार में धीरे-धीरे परिवर्तन एवं सुधार कर उन्हेंं पढ़ाई करने तथा दैनिक गतिविधियों के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है, इस चुनौतीपूर्ण कार्य के लिए विशेष प्रशिक्षकों की मदद ली जा रही है।

कलेक्टर सिन्हा ने दिव्यांगजनों के लिए शिक्षण-प्रशिक्षण सहपुनर्वास संस्थान अभिलाषा का निरीक्षण किया।
उन्होंने वहां परीक्षा के लिए मोहला एवं चिचोला से आए दिव्यांग बच्चों से बात कर उनके अध्ययन की जानकारी ली। उप संचालक समाज कल्याण बीएल ठाकुर ने बताया कि अभिलाषा संस्थान में दृष्टिबाधित एवं अस्थिबाधित बच्चों के लिए 8वीं तक शिक्षण की व्यवस्था की गई है। प्रशिक्षित शिक्षकों द्वारा प्रशिक्षण एवं अध्यापन का कार्य हो रहा है। समाज कल्याण विभाग द्वारा 25 लाख रुपए का अनुदान संस्थान को दिया जा रहा है। वहीं स्टॉफ के लिए भी समाज कल्याण विभाग द्वारा राशि दी जा रही है।
कलेक्टर सिन्हा ने श्री भगवान महावीर समता वृद्धाश्रम का निरीक्षण किया। उन्होंने उपस्थित बुजुर्गों से बातचीत कर उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली। उन्होंने वहां स्टॉफ बढ़ाने के निर्देश दिए। उन्होंने बुजुर्गों के आवास एवं वहां की व्यवस्था का जायजा लिया। कलेक्टर ने शासकीय बाल संप्रेक्षण गृह (बालक) का भी निरीक्षण किया। उन्होंने वहां बच्चों बात कर उन्हें पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित किया तथा बच्चों की शिक्षा, पोषण, आवास के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने रसोई एवं भोजन व्यवस्था का भी जायजा लिया। उन्होंने बच्चों की देखरेख बाल संरक्षण अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार बेहतर ढंग से करने के निर्देश दिए।

इस अवसर पर एसडीएम अरूण वर्मा, उप संचालक समाज कल्याण बीएल ठाकुर, बाल संरक्षण अधिकारी चंद्रकिशोर लाडे, कार्यपालन अभियंता नगर पालिक निगम यूके रामटेके, समाज कल्याण अधिकारी नगर निगम भूपेन्द्र वाडेकर, सामथ्र्य विद्यालय की अधीक्षक डॉ. मनीषा पांडे, अभिलाषा संस्थान की उपाध्यक्ष डॉ. हेमलता महोबे, प्रबंधक अभिलाषा दिलीप श्रीवास्तव, शासकीय बालक संप्रेक्षण गृह के अधीक्षक प्रीतराम खुंटे सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
 

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