राजनांदगांव

अक्षय तृतीया से शुरू होंगे मांगलिक कार्य
02-May-2022 2:41 PM
अक्षय तृतीया से शुरू होंगे मांगलिक कार्य

गुड्डे-गुडिय़ों की शादी भी, बाजार में हलचल

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 2 मई।
अक्षय तृतीया यानी अक्ती पर्व पर 3 मई को मांगलिक कार्यों का सिलसिला शुरू होगा। इसके बाद ढेरों शादियों के आयोजन भी हैं, वहीं परंपरागत मिट्टी निर्मित गुड्डे-गुडिय़ों की शादी भी होगी।
अक्ती पर्व के लिए घरों में व्यापक तैयारी है। इसका असर बाजार भी दिख रहा है। व्यापारिक गतिविधियों में सराफा बाजार और कपड़ा बाजार मुख्य केंद्र बन गया है। सोने-चांदी की खरीदी के लिए अक्ती पर्व को खास दिन में गिना जाता है। वहीं वैवाहिक कार्यक्रमों के चलते कपड़ा बाजार और अन्य दूसरीे दुकानों में ग्राहकों की चहल-पहल नजर आ रही है। इधर स्थानीय बाजार में गुड्डे-गुडिय़ों की खरीदी-बिक्री भी हो रही है। नौनिहालों में गुड्डे-गुडियों का विवाह रचाने के लिए उत्साह दिख रहा है। परंपरागत रिवाज होने के कारण घरों में बच्चों के जरिये मंडप भी सजाए गए हैं।

अक्ती पर्व पर पारंपरिक रूप से मिट्टी से निर्मित गुड्डा-गुडियों की खरीदी के लिए बच्चे परिजनों के साथ बाजार की ओर रूख कर रहे हैं। शहर के गोल बाजार में गुड्डा-गुडिया बिक्री करने वाले व्यापारी भी अपनी दुकानें सजा चुके हैं। गुड्डा-गुडिय़ों की पारंपरिक वैवाहिक रस्म अदा करने के लिए बाजार में बिक्री के लिए सामान भी पहुंच चुका है। वैवाहिक सीजन में सराफा बाजार का रूख होने से कारोबारियों को व्यवसाय में पंख लगने की उम्मीद है।

इधर पर्व को लेकर बाजार की गति तेज हो रही है। कपड़ा कारोबार को भी पर्व के चलते लाभ मिलता दिख रहा है। वहीं मिट्टी से बने परंपरागत गुड्डे-गुडियों का बाजार भी सज गया है। बच्चों के लिए यह पर्व खेल के लिहाज से महत्वपूर्ण माना जाता है। वहीं धार्मिक मान्यता के अनुसार घरों में गुड्डे-गुडिय़ों का विवाह भी कराया जाता है। इस बीच अक्षय तृतीया के पर्व पर वैवाहिक कार्यक्रम कराने को काफी शुभ माना जाता है। लिहाजा कई घरों में शहनाई की गूंज भी इस दिन सुनाई देगी।

स्वर्ण आभूषणों की खरीदी से दमका बाजार
स्वर्ण आभूषण खरीदी के लिए खास दिन माने जाने वाले अक्ती पर्व पर सराफा बाजार दमक रहा है। ग्रामीण इलाकों से सोने-चांदी की खरीदी के लिए जौहरियों के दुकानों में लोगों की भीड़ बढ़ी है। शहरी बाशिंदे भी सोने-चांदी के जेवरात बनाने के लिए दुकानों में पहुंच रहे हैं।

ऐसी मान्यता है कि मामूली  स्तर की सोना खरीदी करने से भी घरों में खुशहाली आती है। वहीं अन्य जेवरात की खरीदी से भी लोगों की मुस्कान चेहरे पर पर्व के उत्साह को जाहिर करती है। अक्षय तृतीया जैसे मौके को हर घर में त्यौहार का दर्जा मिला हुआ है।
ग्रामीण इलाकों में वैवाहिक कार्यों के लिए इस दिन को सबसे उपयुक्त और लाभदायक माना जाता है। यही कारण है कि सात फेरों के लिए अक्षय तृतीया पर दर्जनों मांगलिक आयोजन होंगे।

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