बलौदा बाजार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 5 मई। अक्षय तृतीया के अवसर पर बलौदाबाजार जिले में धरती माँ की पूजा अर्चना कर माटी पूजन दिवस मनाया गया। जिसमें जनप्रतिनिधियों द्वारा भूमि पूजन कर खेतों मे बीजों का रोपण किया गया।इसके साथ ही जैविक खेती को बढावा देने शपथ भी ली गयी। इस अवसर पर किसानों को जैविक वर्मी कम्पोस्ट खाद का वितरण भी किया गया।
अक्षय तृतीया के अवसर पर किसानों के साथ जनप्रतिनिधियों ने गौठानों में पहुंचकर माटी पूजन किया। बीजों का रोपण किया। इस अवसर पर रसायनिक खादों का उपयोग कम कर जैविक खाद का उपयोग करने की शपथ ली गयी।
भाटापारा विकासखंड के ग्राम कड़ार में आयोजित माटी पूजन दिवस पर उपस्थित किसानों को कृषक कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष सुरेन्द्र शर्मा ने जैविक खाद का उपयोग करने की शपथ दिलाई। उपस्थित किसानों को संबोधित करते हुए श्री शर्मा ने कहा कि आज अक्षय तृतीया है और हम किसान नये फसल बोने की तैयारी प्रारंभ करते है। यह परंपरा सदियों पुरानी है,पर हम भुल रहे थे। जिसे पुन: जीवित करने का काम मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कर रहे है। हम कितने ही आधुनिक बन जायें पर हमें अपनी परंपरा और संस्कृति को नहीं भुलना चाहिए। रासायनिक खादों से निर्मित खाद्य पदार्थ खाकर हम बीमार होते जा रहे है।जिसे दुर करने जैविक वर्मी कम्पोस्ट खाद खेतों मे डाला जायेगा। जिससे उर्वराशक्ति बढ़ेगी और उत्पादन भी बढ़ेगा।
आज गौठानो के माध्यम से लघु कुटीर उघोगो को बढ़ावा दिया जा रहा है। लगभग 13 हजार महिलाओं को गौठानो मे काम मिला है। जैविक खाद बनाने, हल्दी,मिर्ची,धनिया और साग सब्जी उगाने का काम महिलाये कर रही है। आत्मनिर्भर बन रही है। मुख्यमंत्री का सपना है कि छत्तीसगढ़ का किसान खुशहाल और आत्मनिर्भर बने। हमारी संस्कृति हमारी परंपराओं से हमे जाना पहचाना जाये। साथ ही देश विदेश में नाम हो।आर्थिक रूप से समृद्धशाली बने। इसके लिये लगातार प्रयास किया जा रहा है। आज अक्षय तृतीया को हम किसान अपनी नई खेती-बाड़ी की शुरुआत करते है।
जिसके लिये खेतों मे धरती माँ की पूजा करते है। धीरे-धीरे यह परंपरा विलुप्त हो रही थी।जिसे पुन: जीवित करने का प्रयास मुख्यमंत्री द्वारा किया जा रहा है। जिसके लिये यह आयोजन किया गया है.
इसी तरह ग्राम मोहतरा में पाठ्य पुस्तक निगम के अध्यक्ष शैलेष नितिन त्रिवेदी ने किसानों को शपथ दिला खेत मे बीजो का रोपण किया। उन्होंने कहा कि हमारे युवा हमारी प्राचीन संस्कृति और परंपरा को भुल रहे थे। जिसे पुन: जीवित करने का काम मुख्यमंत्री कर रहे है। हम कितने बड़े आदमी बन जाये पर अपनी संस्कृति परंपराओं को नही भुलना चाहिए। यह संस्कृति और परंपरा हमारे मानव समाज के प्रतीक है जो हमे आपस मे जोडऩे का काम करती है। मुख्यमंत्री हम छत्तीसगढ़ वासियों को इसी संस्कृति और परंपरा को पुनर्जीवित कर पूरे छत्तीसगढ़ वासियों को जोडऩे का काम कर रहे है।
कलेक्टर डोमनसिंह ने भी किसानों से अपील करते हुए कहा कि जैविक खाद का उपयोग अवश्य करे। हमें हमारी माटी, बोली, भाषा व संस्कृति को नहीं भूलना चाहिए। बच्चे अंग्रेजी अवश्य पढ़े पर हम छत्तीसगढ़ वासियों को अपनी बोली अपनी संस्कृति को हमेशा याद रखना और उसे मानना चाहिए। माटी पूजन दिवस के अवसर पर किसानों को वर्मी कम्पोस्ट खाद का वितरण किया गया। इसके साथ ही अतिथियों द्वारा गौठान में महिला उघमियो द्वारा बनाये जा रहे लघु कुटीर उघोगो के माध्यम से हल्दी धनिया भी खरीदा गया। ग्राम कडाऱ में कृषि औजार बनाने का कार्य प्रारंभ किया गया है।जहाँ गाँव का ही व्यक्ति कृषि औजार बना रहा है। सुनील माहेश्वरी ने उसका हौसला अफजाई कर उससे एक हसिया खरीदा और उसका उत्साह वर्धन किया।