गरियाबंद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नवापारा राजिम, 7 मई। छत्तीसगढ़ प्रदेश शिक्षक फेडरेशन के प्रांताध्यक्ष राजेश चटर्जी, मिश्रीलाल तारक जिलाध्यक्ष एवं विकासखंड अध्यक्ष यशवंत कुमार साहू ने बताया कि अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक अंक पर महँगाई भत्ता प्रतिवर्ष 1 जनवरी एवं 1 जुलाई के स्थिति में निर्धारित होता है। उन्होंने जानकारी दिया कि 1 जनवरी 19 के स्थिति में केन्द्र और राज्य में 12 फीसदी महँगाई भत्ता मिल रहा था।
केंद्रीय कर्मचारियों को 1 जुलाई 19 को 5 फीसदी वृद्धि से 17 फीसदी,1 जनवरी 20 को 4 फीसदी वृद्धि से 21 फीसदी,1 जुलाई 20 को 3 फीसदी वृद्धि से 24 फीसदी, 1 जनवरी 21 को 4 फीसदी वृद्धि से 28 फीसदी, 1 जुलाई 21 को 3 फीसदी वृद्धि से 31 फीसदी एवं 1 जनवरी 22 को 3 फीसदी वृद्धि से 34 फीसदी महँगाई भत्ता मिल रहा है। जबकि राज्य के कर्मचारियों के महँगाई भत्ता में 1 मई 22 से 5 फीसदी वृद्धि किया गया है। जोकि वास्तविक देय तिथि एवं दर अनुसार नहीं है।
उन्होंने बताया कि देय तिथि से महँगाई भत्ता स्वीकृत नहीं होने से कर्मचारियों को जबरदस्त अर्थिक नुकसान हुआ है। जिसके कारण लगभग 403927 कर्मचारी-अधिकारी आक्रोशित हैं।
जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों को 1 जुलाई 19 से 30 जून 21 अथार्त 24 माह तक वेतन का 12 फीसदी के दर से महँगाई भत्ता दिया गया था। जबकि 1 जुलाई 19 से वेतन का 17 फीसदी महँगाई भत्ता देय था जिसे राज्य सरकार ने 1 जुलाई 21 से प्रभावशील किया था। इससे सातवे वेतन के प्रारंभिक वेतन लेवल -1 में 18720 लेवल-2 में 19320, लेवल-3 में 21600, लेवल 4 में 23400, लेवल -5 में 26880, लेवल-6 में 30360, लेवल-7 में 34440, लेवल-8 में 42480, लेवल-9 में 45720, लेवल-10 में 51840, लेवल -11में 58920, लेवल 12 में 67320, लेवल-13 में 80760, लेवल- 14 में 95880, लेवल-15 में 142200; लेवल-16 में 155640 एवं लेवल-17 में 170160 का नियुनतम आर्थिक नुकसान हो गया है। एरियर्स पर सरकार आज पर्यन्त मौन है।
उन्होंने बताया कि 2 मई 22 को वित्त विभाग छत्तीसगढ़ शासन के आदेश में 1 जनवरी 20 का 4 फीसदी,1 जुलाई 20 का 3 फीसदी ,1 जनवरी 21 का 4 फीसदी,1 जुलाई 21 का 3 फीसदी एवं जनवरी 22 का 3 फीसदी कुल 17 फीसदी के स्थान पर केवल 5 फीसदी महँगाई भत्ता का उल्लेख है। लेकिन 1 जनवरी 20 से 30 अप्रैल 22 तक के महँगाई भत्ता किश्तों को देने का कोई उल्लेख नहीं है। उन्होंने बताया कि सभी कर्मचारी-अधिकारी सातवे वेतन मैट्रिक्स के अपने लेवल में अपने मूलवेतन को 0.12 से गुणा कर 1 मई 22 से प्रतिमाह होने वाले वास्तविक नुकसान का स्व-आंकलन कर सकते हैं।