बिलासपुर

जरूरतमंदों की कानूनी मदद कीजिए, हम साथ चलेंगे-आपको आत्मसंतोष मिलेगा-जस्टिस भादुड़ी
07-May-2022 7:19 PM
जरूरतमंदों की कानूनी मदद कीजिए, हम साथ चलेंगे-आपको आत्मसंतोष मिलेगा-जस्टिस भादुड़ी

अधिवक्ताओं के साथ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण व हाईकोर्ट बार एसोसिएशन का ओरियंटेशन कॉन्फ्रेंस

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 7 मई।
राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यपालक अध्यक्ष जस्टिस गौतम भादुड़ी ने विधिक सेवा से जुड़ने के इच्छुक अधिवक्ताओं से कहा कि आप हमारा हाथ पकड़िए, हम साथ चलेंगे।

विधिक सहायता के कार्यों से जुड़ने के लिए छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के 100 सदस्य सामने आए हैं। इनके तथा छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के पैनल अधिवक्ताओं के ओरियंटेशन प्रोग्राम को संबोधित करते हुए जस्टिस भादुड़ी ने कहा कि आपको इस काम से आत्मसंतोष प्राप्त होगा। आप थॉमस हॉज की पुस्तक इन डिफेंस ह्यूमन यूज पढ़ें। किसी भी कार्य का लाभ तभी मिलता है जब उसका मैदानी स्तर पर क्रियान्वयन किया जाए। उच्च न्यायालय के अधिवक्ताओं एवं पैनल अधिवक्ताओं की विधिक सेवा का लाभ आम जनता को सरलता से उपलब्ध कराना, इस आयोजन का प्रयोजन है। जस्टिस भादुड़ी ने मोबाइल ऐप से जुड़कर प्रो-बोनो लीगल सर्विसेज में अपना पंजीयन कराने और जरूरतमंदों को निशुल्क विधि सलाह व सहायता प्रदान करने के टिप्स दिए। उन्होंने कहा कि रोजमर्रा के जीवन से जुड़े मामलों के संबंध में स्थायी लोक अदालत (जनोपयोगी सेवा) के प्रावधानों को जानने और इससे जुड़ी ट्रांसपोर्ट, बिजली-पानी बिल्डर्स जैसी सेवाओं में कमी से संबंधित शिकायतों का निपटारा कर आम जनता को लाभ पहुंचाया जा सकता है। इसके अलावा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण कई अभियान चला रहा है जिनमें करुणा, उम्मीद आसरा, सचेत, मुआवजा आदि शामिल हैं उनसे जुड़ें। करुणा के तहत वरिष्ठ जनों को उनके परिवार में सम्मान सहित रहने का अभियान और उम्मीद में मानसिक मरीज जो स्वस्थ चुके हैं, उन्हें उनके परिवार से मिलवाने की कार्रवाई की जाती है।

विशिष्ट अतिथि उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति के अध्यक्ष जस्टिस संजय एस अग्रवाल ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 39 में सभी लोगों को न्याय पाने का अधिकार दिया गया है। पर, गरीबी एवं अशिक्षा के कारण लोग न्याय पाने से वंचित हो जाते हैं। विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम 1987 में राष्ट्रीय, राज्य एवं जिला स्तर पर निशुल्क विधिक सहायता दिलाने का प्रावधान किया गया है। विधिक सेवा के तहत अधिवक्ता जो प्रकरण प्राप्त होते हैं उनमें प्रभावी और गंभीरता के साथ कार्य करें। प्रकरण से संबंधित दस्तावेज यदि उन्हें प्राप्त नहीं होते तो वे इसके लिए वे राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण या उच्च न्यायालय की समिति से सहयोग ले सकते हैं। नए अधिवक्ताओं से उन्होंने कहा कि वे अपने समय का सदुपयोग करते हुए इस तरह के कार्य में व्यस्त रहें तथा आज के कार्यक्रम में दी गई जानकारी को आत्मसात करते हुए उसका लाभ लें।

स्वागत उद्बोधन में हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अब्दुल वहाब खान ने कहा कि गरीब और निर्धन व्यक्ति पैसे की कमी के कारण न्याय से वंचित ना रहे। उन्हें न्याय दिलाने के लिए एसोसिएशन का प्रत्येक अधिवक्ता सतत प्रयत्नशील है। उन्होंने घोषणा की कि इस भीषण गर्मी में भी अधिवक्ता टीम बनाकर साइकिल रैली के माध्यम से घर-घर जाकर जरूरतमंद व्यक्तियों को सरल सुलभ न्याय दिलाने का प्रयास करेंगे, जिसमें वह भी शामिल रहेंगे।

धन्यवाद उद्बोधन राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव सिद्धार्थ अग्रवाल ने दिया। कार्यक्रम का संचालन राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की अवर सचिव कामिनी जायसवाल ने किया।

कार्यक्रम में महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा, न्यायिक अकादमी की डायरेक्टर सुषमा सामंत, वरिष्ठ अधिवक्ता किशोर भादुड़ी, योगेश चंद्र शर्मा, दीपाली पांडे, प्रशांत पाराशर, प्रवीण मिश्रा व देवाशीष ठाकुर ने भी अपने विचार रखे।
कार्यक्रम में रजिस्ट्री के अधिकारी, न्यायिक अकादमी के अधिकारी, जिला न्यायाधीश आरके अग्रवाल, फैमिली कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश रमाशंकर प्रसाद, अन्य न्यायिक अधिकारी उच्च न्यायालय अधिवक्ता संघ के पदाधिकारी, उच्च न्यायालय के अधिवक्ता तथा विधिक प्राधिकरण के पैनल अधिवक्ता उपस्थित थे। 

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