धमतरी

डोमा सरपंच के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित होने के बाद कार्रवाई नहीं
10-May-2022 1:38 PM
डोमा सरपंच के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित होने के बाद कार्रवाई नहीं

उपसरपंच सहित 16 पंचों का सामूहिक इस्तीफा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
धमतरी, 10 मई। 
डोमा सरपंच के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित होने के बाद कार्रवाई नहीं होने से नाराज उपसरपंच सहित 16 पंचों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर सामूहिक रूप से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने सरपंच पर विभिन्न कार्यों में गड़बड़ी का भी आरोप लगाया है।

पंच दिव्या ध्रुव, जगेश्वर साहू, परसराम साहू, पूर्णिमा साहू, कौशिल्या कंवर ने बताया कि डोमा सरपंच के कार्यों के त्रस्त होकर पंचों ने अविश्वास प्रस्ताव पारित किया था। इस पर 13 अप्रैल को पीठासीन अधिकारी तहसीलदार भखारा की उपस्थिति मतदान कराया गया। इसमें कुल 19 पंचों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। सिर्फ 4 मत सरपंच के पक्ष में पड़े थे। जबकि 13 मत अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में डाला गया। अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में दो तिहाई से ज्यादा मतदान होने के चलते अविश्वास प्रस्ताव पारित हो गया। इसके बाद 21 अप्रैल को पीठाधीन अधिकारी के निर्णय को त्रुटिपूर्ण व अवैधानिक बताते हुए सरपंच को यथास्थिति पद पर बनाए रखने के लिए स्थगन आदेश भी जारी किया गया है। ऐसे में सोमवार को जनदर्शन पहुंचकर पंचों कलेक्टर से मुलाकात कर न्याय की गुहार लगाई। अंतत: 16 पंचों ने कलेक्टर के समक्ष सामूहिक रूप से इस्तीफा प्रदान कर दिया।

इन्होंने दिया सामूहिक इस्तीफा
उपसरपंच दिव्या ध्रुव, पंच जगेश्वर साहू, परसराम साहू, पूर्णिमा साहू, कौशिल्या कंवर, इश्वरी साहू, दुष्यंत कुमार साहू, सतवंतीन साहू, विजय साहू, रुपेश साहू, मंजीत कुमार साहू, अनिता साहू, जोहनी साहू, रामेश्वर साहू, धनेश्वरी साहू, महेश्वरी सोनवानी शामिल है। सभी ने कलेक्टर को सामूहिक इस्तीफा दिया है।

अतिक्रमण को लेकर ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन
पांवद्वार में लघु जलाशय के अंदर कृषि कार्य करने पर रोक लगाने की मांग को लेकर ग्रामीणों ने कलेक्ट्रेेट में प्रदर्शन किया। सरपंच सुशीला नेताम, टिकेश्वर राम, केशरी बाई, बसंतराम ने बताया कि ग्राम पंचायत पांवद्वार में लघु जलाशय के अंदर ऊपरीखाली जमीन पर कुछ लोगों ने जेसीबी से खुदाई कर भूमि का अतिक्रमण कर लिया है, जिसे छुड़वाने के लिए ग्राम सभा में प्रस्ताव पारित किया गया था।

इस संबंध में कार्यालय में जाकर अनुविभागीय अधिकारी को सूचना भी दी गई। इसके बाद भी आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। ऐसे में ग्रामीणों में अधिकारियों की कार्यशैली को लेकर रोष पनपने लगा है। उन्होंने कलेक्ट्रेट में ज्ञापन सौंपकर उचित कार्रवाई करने की मांग की है। कार्रवाई नहीं होने की स्थिति मुख्यमंत्री से शिकायत करने की बात कही गई।

 

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