बिलासपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 10 मई। बलरामपुर जिले के सिंदूर नदी में बन रहे पुल का लोकेशन बदलने के खिलाफ लगाई गई याचिका के निराकरण के बाद अब हाईकोर्ट ने नए तथ्य सामने आने पर रिव्यू पिटिशन दायर करने की छूट दी है।
बलरामपुर जिले के सिंदूर ग्राम पंचायत के पास स्थित सिंदूर नदी के लिए एक पुल की स्वीकृति दी गई थी। पुल के लिए टेंडर स्वीकृत कर निर्माण की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई थी लेकिन इसी बीच अचानक निर्माण स्थल बदल दिया गया। पुल को लगभग 5 किलोमीटर दूर जंगल के क्षेत्र में बनाने की तैयारी शुरू कर दी गई। शासन के इस फैसले को दिनेश कुमार गुप्ता ने वकील धीरेंद्र पांडे के माध्यम से हाईकोर्ट में जनहित याचिका लगाकर चुनौती दी। याचिका में कहा गया था कि पहले जिस जगह पर पुल तय की गई थी, उससे आसपास के अनेक गांवों को आवागमन की सुविधा मिलती। अब जिस जगह पर पुल का निर्माण हो रहा है वह मुख्य सडक़ से लगभग एक किलोमीटर दूर है। इसके निर्माण से वन क्षेत्र भी प्रभावित होगा और पुल की लागत भी कई गुना बढ़ जाएगी। सुनवाई के दौरान शासन की ओर से कहा गया था कि पुल का निर्माण करीब 30 प्रतिशत पूरा हो चुका है, इसलिए इस पर रोक नहीं लगाना चाहिए। शासन का जवाब मिलने पर हाईकोर्ट ने याचिका का निराकरण कर दिया था।
इसके बाद याचिकाकर्ता ने पुन: एक आवेदन देकर हाईकोर्ट में बताया कि शासन का यह कहना गलत है कि पुल का 30 प्रतिशत निर्माण हो चुका है। स्थल पर केवल कुछ निर्माण सामग्री ही लाकर रखी गई है, जबकि निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है। इस संबंध में याचिकाकर्ता की ओर से फोटोग्राफ्स, वीडियो और दस्तावेज प्रस्तुत किए गए।