रायगढ़

शासकीय सडक़ भूमि पर कब्जा, निजी भूमि को बना दिया सडक़
11-May-2022 5:36 PM
शासकीय सडक़ भूमि पर कब्जा, निजी भूमि को बना दिया सडक़

तहसीलदार की मौजूदगी में नाप-जोख के बाद हटा कब्जा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 11 मई। 
पुसौर से रायगढ़ मार्ग पेट्रोल पंप के बगल से लगी हुई निजी जमीन का उपयोग बरसों से रास्ता के लिए हो रहा है, जबकि सडक़ के लिए निर्धारित शासकीय भूमि पर शोरूम संचालक समेत अन्य ने अवैध कब्जा कर रखा था। कई बार निजी भूमि के मालिक ने अपनी जमीन से आवाजाही पर रोक लगाने का प्रयास किया लेकिन स्थानीय लोगों ने विवाद प्रारंभ कर दिया, ऐसे में जमीन मालिक ने नियमानुसार शासन प्रशासन को उक्त मामले में जानकारी देते हुए तहसीलदार पटवारी बुलाकर अपनी जमीन का सीमांकन करवाया, उसके बाद निर्धारित शासकीय भूमि पर  वैकल्पिक सडक़ का काम प्रारंभ हो सका।

मिली जानकारी के अनुसार पुसौर रायगढ़ मार्ग काफी दिनों से निजी भूमि से होकर चालू था। शासकीय मार्ग भूमि पर शोरुम संचालक समेत 3-4 अन्य दुकानदार कब्जा कर उपयोग कर रहे थे। इस बात की जानकारी कई बार तहसीलदार पटवारी को देकर सीमांकन करवाने का आग्रह भी भूमि स्वामी द्वारा किया गया। जब बात नहीं बनी तब भूस्वामी ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। जिसके बाद न्यायालय ने मामले को संज्ञान में लेते हुए भूस्वामी के पक्ष में आदेशित किया कि किसी प्रकार के प्रत्यक्ष या परोक्ष हस्तक्षेप करने से स्थाई रूप से निषेधित किया जाता है। इस दौरान पी डब्लू डी विभाग ने भी बीते 2 अगस्त 2019 को पुसौर तहसीलदार के नाम पत्र भेजकर निजी भूमि का सीमांकन करते हुए सडक़ के लिए शासकीय भूमि चिन्हांकित कर उपलब्ध कराने की बात कही थी। जिसके बाद भी तत्कालिक तहसीलदार द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई। न्यायालय से आदेश होने के बाद भी निजी भूमि पर ही आवागमन चालू रहा। जिसके बाद भूमि स्वामी द्वारा अपनी निजी भूमि खाली कराने के लिए स्वयं के खर्चे से शासकीय भूमि को बराबर कर मार्ग बनाया और आम जनता की सहूलियत को देखते हुए मार्ग संचालित होने के बाद अपनी निजी भूमि पर न्यायालय का बोर्ड लगाया।

अतिक्रमण हटाकर जल्द सडक़ निर्माण कराने की मांग
क्षेत्रीय लोगों से चर्चा के दौरान वहां के लोगों ने शासन से मांग की है कि शासकीय भूमि पर बने परिवर्तित मार्ग का सीमांकन करते हुए अतिक्रमण हटाकर जल्द से जल्द पक्की सडक़ का निर्माण किया जाए। जिससे राहगीरों को मुश्किल का सामना ना करना पड़े पूर्व में भी सडक़ निर्माण कार्य होने के दौरान निजी जमीन होने के कारण ही करीब 200 मीटर की सडक़ का निर्माण आज पर्यंत नहीं हो पाया है आज जब शासकीय जमीन पर परिवहन प्रारंभ हो गया है तो ऐसे में उच्च गुणवत्ता वाली सडक़ का निर्माण कराने की आवश्यकता है।

इस संबंध में पुसौर तहसीलदार एन किशोर सिन्हा का कहना है कि आज भी जमीन भूस्वामी के नाम पर दर्ज है जिसका कोई मुआवजा भी नहीं बनाया गया है खाली प्लाट पर हुए अतिक्रमण को शासकीय भूमि से हटाया गया है बाकी कुछ लोग वर्षों से मकान बनाकर रह रहे हैं उक्त भूमि को कब्जा मुक्त कराने के लिए न्यायालय के आदेश की आवश्यकता है।
 

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