सरगुजा
आदिवासी समाज सम्मेलन में शामिल हुए मुख्यमंत्री
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अम्बिकापुर,11 मई। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भेंट मुलाकात कार्यक्रम के अंतर्गत आज अंबिकापुर में अजिरमा स्थित आदिवासी समाज के गोंडवाना भवन पहुंचेे। श्री बघेल आदिवासी समाज सम्मेलन के कार्यक्रम के शामिल हुए, जहां समाज के लोगों ने मांदर की थाप पर थिरकते हुए मुख्यमंत्री का स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने परिसर में स्थित देवगुड़ी में पूजा-अर्चना भी की।
श्री बघेल ने आदिवासी समाज को संबोधित करते हुए कहा कि पहले वनोपजों का कोई मूल्य नहीं था, पर अब छत्तीसगढ़ में 65 प्रकार के वनोपजों की खरीदी हो रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज आदिवासी महिलाएं सक्षम हो रही हैं और महुआ लड्डू से लेकर सरसो तेल तक का निर्माण कर रही है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि भेंट मुलाकात में ये देख पा रहे हैं कि लोग स्वरोजगार की तरफ बढ़ रहे हैं और आत्मनिर्भर बन रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि हर गांव में देवघर हमारी अपनी संस्कृति और पहचान है और हमें इसके संरक्षण और संवर्धन की जिम्मेदारी लेनी होगी, ताकि हमारी संस्कृति और सभ्यता को देश-विदेश में पहचान मिले।
इस मौके पर खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि आदिवासी संस्कृति के अनुसार हमारे देवार, बैगा, गुनियां श्री भूपेश बघेल हैं जिन्होंने लोगों की तकलीफ को समझा है और जाति प्रमाण पत्र की मात्रात्मक त्रुटियां दूर की हैं, जिससे आदिवासियों के चेहरे पर आज मुस्कान दिखायी देती है। श्री भगत ने कहा कि मुख्यमंत्री के प्रयासों से 65 प्रकार के लघु वनोपज खरीदे जा रहे हैं और आदिवासी ग्रामीणों को आर्थिक लाभ मिल रहा है।