बेमेतरा

आरटीआई अधिनियम के पालन को लेकर सरकारी अमला गंभीर नहीं
12-May-2022 3:06 PM
आरटीआई अधिनियम के पालन को लेकर सरकारी अमला गंभीर नहीं

विभागों से जनसूचना और अपीलीय अधिकारी की नेम प्लेट गायब

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा,  12 मई । 
जिले के सरकारी विभागों में सूचना के अधिकार अधिनियम के पालन को लेकर गंभीरता नहीं बरती जा रही है। आलम यह है की विभागों में जनसूचना और अपीलीय अधिकारी के नेम प्लेट नहीं लगाए जा रहे, ऐसी स्थिति में आमजनो को आरटीआई के तहत आवेदन करने के लिए विभाग में भटकना पड़ता है। कई बार सम्बंधित अधिकारी की जानकारी नही मिलने पर आवेदक को बैरंग लौटना पड़ता है।

 इस सम्बंध में शिकायत मिलने पर, पुष्टि के लिए ‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता कई सरकारी विभागों में पड़ताल के लिए पहुची, जहां शिकायत सही मिली। हमने जिला अस्पताल, नगर पालिका, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, लोक निर्माण विभाग, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, पीजी कालेज, पशु चिकित्सा विभाग समेत लगभग सभी विभागों में जन सूचना और अपीलीय अधिकारी की नेम प्लेट नहीं लगाई गई है। इससे सूचना के अधिकार अधिनियम के प्रति विभाग प्रमुखों की गम्भीरता का सहज अंदाजा लगाया जा सकता है। अधिनियम के अंतर्गत आवेदन करने और समय सीमा में जवाब देने समेत अन्य जानकारियां विभाग के सूचना पटल में प्रदर्शित की जाती हैं ताकि आम जनों को सूचना के अधिकार की प्रावधानों की जानकारी मिल सके। लेकिन ज्यादातर विभागों में इस तरह की जानकारी प्रदर्शित नहीं की जाती हैं। इस सूचना पटल में आवेदन करने का तरीका, समयसीमा, शुल्क, जानकारी नही मिलने पर अपीलीय आवेदन करने समेत अन्य जानकारियां प्रदर्शित की जाती है।

कई विभागों में समयसीमा में जानकारी उपलब्ध नहीं कराई जा रही है, समयसीमा के बाद अपीलीय अधिकारी को आवेदन करने पर भी जानकारी उपलब्ध नही कराई जा रही है। आरटीआई कार्यकर्ता ओमकार वर्मा वार्ड 21 बेमेतरा ने बताया कि जेडीएस और कोविड फण्ड के सम्बंध में आरटीआई के तहत जानकारी के लिए जिला अस्पताल में आवेदन किए महीनों बीत चुके हैं, बावजूद अब तक जानकारी अप्राप्त है। अपीलीय अधिकारी सिविल सर्जन को जानकारी के लिए आवेदन किया है। इसी प्रकार आवेदक सुफल मानिकपुरी ने बताया कि जिला अस्पताल में जानकारी के लिए आवेदन करने पर जानकारी उपलब्ध नहीं कराई जाती है।

जानकारी उपलब्ध नहीं कराने पर कार्रवाई का है प्रावधान
अधिकारी समय पर सूचना उपलब्ध नहीं कराता है, तो उस पर 250 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से सूचना आयुक्त द्वारा जुर्माना लगाया जा सकता है।यदि दी गई सूचना गलत है तो अधिकतम 25 हजार रुपए तक का भी जुर्माना लगाया जा सकता है। आवेदन को गलत कारणों से नकारने या गलत सूचना देने पर भी जुर्माना लगाया जा सकता है। यह जुर्माना उस अधिकारी के निजी वेतन से काटा जाता है। सरकारी विभाग की तरफ से 30 दिन में जवाब नहीं मिलने पर प्रथम अपील अधिकारी को प्रथम अपील कर सकते हैं। प्रथम अपील का भी जवाब नहीं मिलने पर 90 दिन के अंदर दूसरी अपील अधिकारी को अपील कर सकते हैं।

सूचना अधिकार अंतर्गत इस रूप में मिलती है जानकारियां
कार्यों, दस्तावेज़ों, रिकार्डों का निरीक्षण, दस्तावेज़ों या रिकार्डों की प्रस्तावना, सारांश, नोट्स व प्रमाणित प्रतिया प्राप्त करना, सामग्री का प्रमाणित नमूने लेना, प्रिंट आउट, डिस्क, फ्लॉपी, टेपों, वीडियो कैसेटों के रूप में या कोई अन्य ईलेक्ट्रॉनिक रूप में जानकारी प्राप्त करना।

कलेक्टर भोस्कर विलास सनदीपान का कहना है कि इस सम्बंध में सभी विभागों से जानकारी मंगाई जाएगी। जनसूचना, अपीलीय अधिकारी का नाम और सूचना पटल पर अधिनियम की सामान्य जानकारी प्रदर्शित करना जरूरी है, ऐसा नही पाए जाने पर, पालन का आदेश जारी किया जाए।
 

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