बिलासपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 13 मई। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने शराब निर्माताओं की उस याचिका को खारिज कर दी है जिसमें ई एन ए अल्कोहल की राज्य से बाहर से खरीदी करने पर छूट की मांग की गई थी।
छत्तीसगढ़ के दो प्रमुख शराब निर्माता कंपनी कोलकाता की एजिस बेवरेज व बिलासपुर की लिजेंड डिसलरी ने उच्च न्यायालय में याचिका लगाकर मांग की थी कि राज्य के वाणिज्य कर विभाग द्वारा सी-फार्म ईएनए एल्कोहल जिससे शराब बनाई जाती है, के बाहर से खरीदने पर सी-फार्म जारी नहीं किया जा रहा है। इससे उनको प्रदेश के बाहर से आयात करने पर 18 प्रतिशत जीएसटी लिया जा रहा है, जबकि सी-फार्म जारी करने से मात्र 2 प्रतिशत जीएसटी लगता है। इससे शराब निर्माता कंपनियों को भारी नुकसान हो रहा है।
याचिका में कहा गया था जीएसटी नियम लागू होने से पहले वेट एक्ट के तहत छूट प्रदान की जाती रही है। अत: प्रावधान के तहत उन्हें अब भी ईएनए एल्कोहल की खरीदी पर छूट मिलनी चाहिए।
प्रकरण की सुनवाई आज न्यायाधीश संजय एस अग्रवाल की सिंगल बेंच में हुई।
राज्य सरकार ने जवाब व तर्क प्रस्तुत करते हुए बताया कि जीएसटी करनून आने के बाद माल कि परिभाषा में संशोधन हो गया है। इसमें सिर्फ मानव उपयोग के एल्कोहल पर ही सी-फार्म जारी किया जाता है। भारत के संविधान के विभिन्न एंट्री पर मानव उपयोग के एल्कोहल / शराब का जिक है जो कि राज्य का विषय है।
ईएनए अल्कोहल की खरीदी पर शराब निर्माता सी-फार्म जारी होने से छूट मिलने की मांग कर रहे हैं। एक्सट्रा न्युट्रल एल्कोहल मानव जीवन के लिए उपयोगी नही है। इसका अर्थ मानव जीवन पर संकट डालना है। अत: ईएनए की खरीद पर छूट नहीं दी जा सकती।
उच्च न्यायलय ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद यह पाया कि एक्सट्रा न्यूट्रल एल्कोहल जहरीला होने के कारण मानव जीवन के लिए उपयोगी नही है। इसलिए शराब निर्माताओं को छूट नहीं दी जा सकती। बेंच ने याचिकाकर्ताओं की याचिका को निरस्त कर दिया।