बलरामपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रामानुजगंज,14 मई। बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के रामचंद्रपुर विकासखंड के दूरस्थ उत्तरप्रदेश बॉर्डर से सटे ग्राम डुमरपान हाईस्कूल में पढऩे वाले किसान के बेटे श्रीराम गुप्ता ने छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल रायपुर के कक्षा दसवीं के घोषित वार्षिक परीक्षा परिणाम में प्रदेश में दसवां स्थान 96.83 फीसदी अंक के साथ प्राप्त किया। छत्तीसगढ़ में कक्षा दसवीं के घोषित नतीजे में प्रावीण्य सूची में स्थान प्राप्त कर श्रीराम ने क्षेत्र का नाम रोशन किया।
शिक्षकों की है कमी
श्रीराम ने पूरे छत्तीसगढ़ में जहां दसवां स्थान प्राप्त किया, वहीं स्कूल में सामाजिक विज्ञान एवं संस्कृत के शिक्षक ही नहीं थे, इसके बावजूद भी संस्कृत स्कूल के प्राचार्य एवं सामाजिक विज्ञान अन्य शिक्षक के द्वारा पढ़ाया गया।
5 किमी से प्रतिदिन साइकिल से आता था श्रीराम
पढऩे में शुरू से मेधावी श्रीराम प्रतिदिन स्कूल में पढऩे अपने घर ग्राम क़ुरलूडीह से आता था, जो स्कूल से 5 किलोमीटर दूरी पर स्थित है। स्कूल के प्राचार्य भुवन सिंह ने बताया कि श्रीराम स्कूल प्रतिदिन आता था, वहीं इसे स्कूल से जो भी होमवर्क मिलता था, उसे वह पूरा करता था। श्रीराम बहुत ही शालीन एवं अनुशासित छात्र है।
ग्राम डुमरपान सन 2011-12 में स्कूल का उन्नयन होकर हाई स्कूल खुला था, वहीं सन 2015-16 में नया स्कूल भवन बना, जहां स्कूल संचालित हो रहा है, यहां हाई स्कूल भवन में आसपास के आधा दर्जन से अधिक गांव के बच्चे पढ़ाई करते हैं।
अध्ययन के प्रति रुचि ने दिलाई सफलता
श्रीराम के पिता राजेश गुप्ता ने बताया कि श्रीराम की पढ़ाई-लिखाई में बहुत रुचि है, उसको जब भी समय मिलता, वह पढऩे बैठ जाता है। सुबह वह 4 बजे उठ जाता था, वहीं रात में 10 बजे तक पढ़ाई करता था। गांव में इंटरनेट की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। श्रीराम अपने पिता के मोबाइल से ही थोड़ा-बहुत मदद लिया करता था।
ट्यूशन नहीं पढ़ा
श्रीराम प्रतिदिन 5 किलोमीटर साइकिल चलाकर स्कूल जाता था। उसकी पूरी पढ़ाई स्कूल पर ही निर्भर थी, गांव में स्थिति ऐसी थी कि ट्यूशन पढऩे के लिए वहां कोई शिक्षक नहीं था, वही श्रीराम ने भी कभी ट्यूशन नहीं पढ़ा। श्रीराम बताते हैं कि जो उसे समझ में नहीं आता था, वह अपने शिक्षक से पूछ लेता था।