महासमुन्द
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 15 मई। पिछले विगत दो सालों से असंगठित कर्मकार शासन की विभिन्न योजनाओं से वंचित हंै। श्रम विभाग में साइकिल और औजार, सहायता के लिए 25 हजार से अधिक आवेदन पेंडिंग हंै। साइकिल के लिए हॉकर, चरवाहा, कोटवार, दूधवाला व सफ ाई कर्मचारी विभाग का मुंह ताक रहे हैं। निर्माणी श्रमिक औजार मिलने का आस लगाए बैठे हैं। औजार व साइकिल वितरण के संबंध में जिला श्रम अधिकारी डीके राजपूत कहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट में मामला चले जाने के बाद दोनों ही योजनाओं के वितरण में ब्रेक लग गई है। लिहाजा पिछले दो सालों से इस योजना के तहत किसी भी हितग्राहियों को लाभ नहीं मिल पाया है। इसलिए शासन अन्य योजनाओं में राशि बढ़ाकर श्रमिकों को लाभ पहुंचा रही है।
श्रम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री असंगठित कर्मकार साइकिल सहायता योजना के तहत पंजीकृत न्यूज हॉकर, राउत, चरवाहा, दूध वाले, कोटवार, सफ ाई कर्मचारी को श्रम विभाग की सहायता दी जाती है। लेकिन पिछले दो सालों से उनके आवेदन पर विचार तक नहीं हुआ है। सन 2018-19 से साइकिल, औजार, सिलाई मशीन का लाभ असंगठित मजदूरों को नहीं मिला है।
मालूम हो कि महासमुंद जिले में 90 हजार से अधिक असंगठित मजदूर हैं।
अधिकारी कहते हैं कि मुख्यमंत्री छात्रवृत्ति योजना सहित विभिन्न योजनाओं में सरकार राशि बढ़ाकर श्रमिकों व उनके परिवार को लाभ दे रहा है। मजदूरों के 18 वर्ष से ऊपर उम्र की बेटियों को मिलने वाली 10 हजार रुपए को सरकार ने बढ़ाकर 20 हजार रुपए कर दिया है। वहीं उम्र में भी बढ़ोतरी कर दी है। अब श्रमिक की बेटियों को 21 वर्ष होने पर 20 हजार रुपए दिया जाएगा।