बीजापुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 15 मई। बस्तर व सरगुजा संभाग में तृतीय व चतुर्थ श्रेणी स्थानीय भर्तियों को ख़त्म कर दिया गया है। जिसका नुकसान सीधे आदिवासी युवाओं को होगा और इसकी जिम्मेदार कांग्रेस सरकार है। उक्त आरोप भाजयुमो प्रदेश कार्यसमिति सदस्य फूलचंद गागड़ा ने लगाया है।
प्रेस को जारी बयान में फूलचन्द गागड़ा ने कहा है कि 2012 से बस्तर, सरगुजा संभाग में तृतीय व चतुर्थ श्रेणी भर्ती में स्थानीयता को प्राथमिकता थी, परंतु अब स्थानीय भर्ती प्रक्रिया को खत्म कर दिया गया है, जो कि कांग्रेस सरकार का षड्यंत्र है। कांग्रेस कभी नहीं चाहती कि आदिवासी समुदाय का विकास हो, कांग्रेस ने अपने ही समर्थक सुशांत शेखर धरई से कोर्ट में याचिका दायर करवाई, साथ ही सरकार आदिवासी क्षेत्रों की वस्तुस्थिति को कोर्ट के समक्ष समझाने में नाकाम रही। इससे यह प्रतीत होता है कि कांग्रेस सरकार को आदिवासियों के विकास से कोई सरोकार नहीं है।
गागड़ा ने आगे कहा कि सरकार बस्तर के युवाओं के साथ खिलवाड़ कर रही है, आदिवासी युवाओं में सरकार के खिलाफ आक्रोश है। जिस परिस्थितियों में यहाँ के युवा अध्ययन करते हैं, वो राजधानी के अभ्यर्थियों के साथ मुकाबला नहीं कर सकते। वहीं कांग्रेस सत्ता में आने से पूर्व बस्तर में पांचवीं अनुसूची पूर्ण रूप से लागू करने की बातें किया करती थी, वह भी महज जुमला निकला।
गागड़ा ने सरकार से मांग की है कि इस विषय पर पुन: विचार हेतु सरकार कोर्ट जाएं और आदिवासियों के हित में प्रयास करें।