बिलासपुर
डॉ. बांधी ने की न्यायिक जांच की मांग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 16 मई। आबकारी विभाग ने जिस युवक को घर पर शराब रखने के आरोप में पकड़ा था उसकी सिम्स में इलाज के दौरान मौत हो गई। परिजनों ने आबकारी अधिकारियों पर जबरन केस बनाने और मारपीट करने का आरोप लगाया है। विधायक डॉ. कृष्णमूर्ति बांधी ने मामले की न्यायिक जांच कराने की मांग की है।
आबकारी विभाग ने मस्तूरी तहसील के चिल्हाटी ग्राम में बीते गुरुवार को अवैध शराब पकडऩे के लिए कुछ घरों में छापामारी की थी। इनमें छोटेलाल यादव भी शामिल था। आबकारी पुलिस उसे अवैध महुआ शराब रखने के जुर्म में पकड़ कर अपने साथ ले गई। अगले दिन उसे कोर्ट के मार्फत जेल भेज दिया गया। शनिवार की सुबह उसकी तबीयत बिगड़ी और इलाज के लिए सिम्स चिकित्सालय लाया गया। अगले दिन सुबह उसकी मौत हो गई। परिजनों ने इसके बाद सिम्स में हंगामा मचाया और शव लेने से इंकार कर दिया। शाम 6 बजे तहसीलदार और दूसरे अधिकारी उनको समझाइश देते रहे। परिजन मौत की जांच की मांग को लेकर अड़े रहे। तहसीलदार ने कलेक्टर को पत्र लिखकर मजिस्ट्रियल जांच की सिफारिश की इसके बाद शव का पोस्टमार्टम हो सका।
मृतक के भाई दिलहरण यादव का कहना है कि आबकारी विभाग को छोटेलाल के घर से शराब नहीं मिली। छापेमारी के दौरान बहुत से ग्रामीण वहां इक_े थे, जो इसकी गवाही देने के लिए तैयार हैं। शराब नहीं मिलने के बावजूद उसे आबकारी पुलिस पकड़ कर ले गई और उसके साथ मारपीट की गई। मृतक छोटेलाल के शरीर में जगह-जगह चोट के निशान हैं।
यादव महासभा के छत्तीसगढ़ प्रदेश अध्यक्ष भुनेश्वर यादव ने कहां है कि कलेक्टर और एसपी को ज्ञापन देकर इस मामले की न्यायिक जांच की मांग की गई है। मस्तूरी क्षेत्र के विधायक डॉ. कृष्णमूर्ति बांधी ने भी कलेक्टर को पत्र लिखकर छोटेलाल की मृत्यु की न्यायिक जांच कराने की मांग रखी है।
आबकारी विभाग की सहायक आयुक्त नीतू तोतानी ठाकुर ने कहा कि शराब मिलने के कारण मृतक छोटेलाल को पकड़ा गया था। उसे हिरासत में नहीं लिया गया है सीधे मजिस्ट्रेट के सामने पेश कर दिया गया था। घटना के 4 दिन बाद किन परिस्थितियों में मौत हुई है, इस बारे में उन्हें जानकारी नहीं है।