कोरिया

आंधी के साथ बारिश,कई घरों के छप्पर उड़े, पेड़ गिरे, बिजली के तार टूटे, मुआवजा बनाने प्रशासन जुटा
16-May-2022 2:59 PM
आंधी के साथ बारिश,कई घरों के छप्पर उड़े, पेड़ गिरे, बिजली के तार टूटे, मुआवजा बनाने प्रशासन जुटा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर, (कोरिया), 16 मई।
कोरिया जिले के बैकुंठपुर विकासखंड के कुछ गांव में बीते 3 वर्षो से मई माह में आने वाले आंधी तूफान की रफ्तार बढ़ती जा रही है, प्रतिवर्ष यहां के ग्रामीणों का तेज हवाएं बड़ा नुकसान करती है। रविवार की दिन आए आंधी तूफान से कई ग्रामीणों के घर की छत उड़ गई, तो कई बड़े बड़े पेड़ गिर पड़े, कई ग्रामीणों ने बिना छत जैसे तैसे रात गुजारी, वहीं मौसम विभाग की माने आने वाले दिनों में इस तरह की आंधी तूफान के और आसार है। बार-बार एक ही क्षेत्र में हवाओं की रफ्तार में वृद्धि जलवायु परिवर्तन का ही नतीजा है।

रविवार को बैकुंठपुर में तेज आंधी के साथ बारिश हुई। बैकुंठपुर शहर में काफी देर तक तेज हवाएं जारी रही, परंतु किसी तरह का कुछ खास नुकसान नहीं हुआ, परंतु शाम 4 बजे के बाद ग्रामीण इलाकों को खबर आई कि जिन क्षेत्रों में काफी मात्रा में ओले गिरे थे, उसी क्षेत्र में इस बार तेज आंधी से काफी नुकसान हुआ हैं, जिसके बाद संसदीय सचिव अंबिका सिंहदेव मौके पर पहुंची ग्रामीणों से बात की और जिला प्रशासन को तत्काल मुआवजा प्रकरण बनाकर लोगों को राहत पहुंचाने के निर्देश दिए। तेज आंधी से ग्राम तमजीरा के प्रेमलाल, रामनारायण, भगवानदास, हंसलाल, शिवकुमार के घरों के छप्पर उड गए। इसी तरह ग्राम पंचायत सरईगहना के साथ उसके आश्रित ग्राम मुड़ीझरिया के निरंजन सिंह के घर के सभी शीट उड़ गई, पूरा घर बिना छप्पर के हो गया, बारिश का पानी घर में घुस गया।

कई पेड़ गिरे बिजली के तार टूटे
बैकुंठपुर जनपद के कई ग्रामीण इलाकों में तेज आंधी तूफान से ना सिर्फ घरों की शीट उड़ गयी, बल्कि बड़े बड़े पेड़ भी घाराशयी हो गए। ग्रामीणों ने तेज आंधी से हुई बर्बादी के वीडियो बनाए है। रास्ते भर छोटे बड़े पेड़ गिर गए है। हलांकि इससे कोई जनहानि नहीं हुई है। वहीं पेडों के गिरने से बिजली के तार भी टूट गए, जिसके कारण लगभग 2 दर्जन गांव में अंधेरा छा गया है, रविवार को बिजली विभाग की टीम पहुंची अब आज सोमवार को बिजली के तारों की ठीक करने की दिशा में विभाग काम करना शुरू करेगा, बताया जा रहा है कि कम से कम दो दिन बिगड़ी व्यवस्था को दुरूस्त करने में लगेगा।

पेड़ो की बलि निमंत्रण दे रही है आपदा को
बैकुंठपुर जनपद के जिन क्षेत्रों में बीते वर्ष 2020 से प्राकृतिक आपदा ने अपना घर बना लिया है, वहीं प्रतिवर्ष तेज हवाओं से ग्रामीणों का काफी नुकसान होता आ रहा है। इसमें आसपास के लगभग 20 गांव है। इनमे कुछ गांव में खनिज का दोहन बीते कई वर्षो से जारी है। जिस कारण क्षेत्र में पेड़ न के बराबर रह गए है। कभी ये गांव घनघोर जंगल से पटे हुआ करते थे परन्तु अब यहां समतल पठार रह गए है। इन क्षेत्रों में धुंआधार पेड़ों की बलि दी गई, जिसे रोकने में प्रशासन नाकाम रहा, वर्ष 2020 में इसी क्षेत्र में अति ओलावृष्टि हुई थी लगभग 1 किलो ग्राम से ज्यादा वजन के ओले गिरे थे, कई मकानों के साथ जानवरों की मौत हुई थी।

वर्ष 2021 में भी यहां काफी तेज आंधी तूफान आया था और कई घरों को नुकसान पहुंचा था वहीं 2022 में एक बार फिर तेज आंधी तूफान ने घरों के साथ पेड़ों को गिराकर अपने मनसूबे जता दिए। 

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