कोरिया

चीतल के शिकार के आरोपियों को परिक्षेत्राधिकारी ने अपने घर में रखा अभिरक्षा में
16-May-2022 3:54 PM
चीतल के शिकार के आरोपियों को परिक्षेत्राधिकारी ने अपने घर में रखा अभिरक्षा में

24 घंटे से ज्यादा अभिरक्षा में रखे जाने को लेकर उठ रहे हैं सवाल

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर, (कोरिया) 16 मई।
चीतल को मौत के घाट उतारने वाले 4 आरोपियों को विधि विरूद्ध कस्टडी का मामला सामने आया, वन विभाग के परिक्षेत्र अधिकारी ने बिना अनुमति 4 आरोपियों को अपने घर में रखा और अब कल न्यायालय खुलने का इंतजार कर रहे है, ताकि चारों को न्यायालय में पेश कर सके। इसके पूर्व उन्होंने चारों आरोपियों को पुलिस को सौपा था, 24 घंटे बीत जाने के बाद पुलिस ने अपने हाथ खड़े कर लिए और आरोपियों को वापस परिक्षेत्राधिकारी को सौप दिया, तब से आज तक चारों परिक्षेत्राअधिकारी के घर में है।

वहीं सोनहत वन परिक्षत्राधिकारी श्री पटनायक का कहना है कि हमारा घर भी थाना ही है, बीच में अवकाश पड़ गया, इसलिए इन्हें यहां रखा गया है, पुलिस ने 24 घंटे के नियम का हवाला देकर हमे वापस कर दिया है। इन लोगों का खाना इनके घर से आता है। चीतल के इनके घर आया तो इनको लालच आ गया और इन लोगों ने उनको मौके के घाट उतार दिया। हमने अपने उच्चाधिकारियों से अनुमति लेकर उसके शव का पोस्टमार्टम करवाया और उसका अंतिम संस्कार किया।

24 घंटे से ज्यादा कस्टडी में रखे जाने को लेकर हाईकोर्ट के अधिवक्ता जेपी शुक्ला का कहना है कि भारतीय संविधान ने भारतीय नागरिकों को एक मौलिक अधिकार का प्रावधान है कि विधिक प्रक्रियाओं को पालन किए बिना किसी भी नागरिक को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है और स्पष्ट रूप से प्रावधान है कि किसी भी नागरिक को 24 घंटे से अधिक सक्षम क्षेत्राधिकार न्यायिक दण्डाध्किारी या कार्यपालिक दण्डाधिकारी के अनुमति लेना अभिरक्षा में नहीं रखा जा सकता हैै एवं यदि इन प्रावधानों को उल्लंघन कर किसी भी नागरिक को दंडाअधिकरी के अनुमति बिना 24 घंटे से अधिक अभिरक्षा में रखा जाता है तो यह अभिरक्षा पूर्णत: असवैधानिक एवं विधि विरूद्ध है।

चीतल के शिकार को लेकर कोरिया वनमंडल के सोनहत के परिक्षेत्राधिकारी श्री पटनायक ने 4 आरोपियों को पकड़ा, जबकि एक आरोपी अभी तक फरार बताया जा रहा है, 11 मई को उनके द्वारा पकड़े चारों आरोपियों को उन्होंने सोनहत थाने के सुपूर्द कर दिया। 24 घंटे बीत जाने के बाद पुलिस ने चारों आरेापियों को वापस परिक्षेत्राधिकारी को सौंप दिया, जिसके बाद सभी आरोपियों को परिक्षेत्राधिकारी ने अपने घर में रख रखा है। वहीं परिक्षेत्राधिकारी ने मामले की अनुमति सक्षम अधिकारियों से नहीं ली, 12, 13 मई को भी सक्षम अधिकारी से अनुमति नहीं ली गई, 15 मई से अवकाश शुरू हो गया, ऐसे में आज छठवे दिन चारों आरोपियों को अपने घर में अभिरक्षा में रख रखा हैं, आरोपियों के परिजन परिक्षेत्राधिकारी के घर आकर उन्हें खाना मुहैया करा रहे है।

क्या है मामला
जानकारी के अनुसार 11 मई को गुरू घासीदास नेशनल पार्क क्षेत्र से भटकर एक चीतल  वन परिक्षेत्र सोनहत अंतर्गत ग्राम भलुआर में पहुंच गया। जिसे देखकर कुछ गामीणों ने चीतल का शिकार करने के नियत से घेर कर खदेडऩा शुरू किया, इस दौरान चीतल गांव के एक ग्रामीण के घर के आंगन में घुस गया, जहां एक अन्य ग्रामीण ने चीतल के सिर व गर्दन में कुल्हाडी से हमला कर दिया, इस हमले के बाद चीतल वहीं पर मृत हो गया।

मृत चीतल को ग्रामीणों ने मिलकर एक ग्रामीण के घर के अंदर छिपा दिया। इस घटना की जानकारी किसी ने वन विभाग के कर्मियों को दी गयी, जिसके बाद वन अधिकारी कर्मचारी गांव पहुंचे और ग्रामीण के घर से मृत चीतल के शव को बरामद किया। मृत चीतल को वन विभाग के द्वारा सोनहत लाकर पीएम किया गया पीएम में गंभीर चोट लगने के कारण मृत होना पाया गया। पीएम पश्चात मृत चीतल को सोनहत के नर्सरी में दफन कर दिया गया। वन विभाग के अधिकारियों के द्वारा चीतल के शिकार में प्रयुक्त तीर कुल्हाडी को भी जब्त कर लिया गया।

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