रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 16 मई। स्कूल शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने में समुदाय और स्वैच्छिक भागीदारी की अनिवार्य भूमिका हैं। यह पूरे देश में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए आवश्यक संसाधनों की हिमायत करने और उन्हे जुटाने के प्रभावी साधन के रूप में कार्य करता हैं।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में स्कूली शिक्षा प्रणाली में सामुदायिक भागीदारी के महत्व की भी परिकल्पना की गई हैं। एनईपी 2020 की मूल भावना को आगे बढ़ाते हुए, स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग, शिक्षा मंत्रालय ने स्कूल शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए सामुदायिक और स्वैच्छिक भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए एक स्वयंसेवी प्रबंधन प्रणाली – विद्यांजलि 2.0 और दिशानिर्देश तैयार किया हैं।
विद्यांजलि 2.0 से भारतीय नागरिक, अनिवासी भारतीय, भारतीय मूल के लोग, भारत में पंजीकृत संगठन गतिविधियों में योगदान देकर और सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों को नि:शुल्क सेवाएं प्रदान कर सकेंगें। स्वयंसेवक ऐसे स्कूल में योगदान दे सकते है जो समर्पित पोर्टल के माध्यम से सहायता का अनुरोध करता हैं।
समुदाय एवं स्वयंसेवकों को स्कूलों से सीधे जोडऩे हेतु एक पोर्टल बनाया गया हैं जिसमें अपना पंजीयन कर सकते हैं। रू4द्दश1.द्बठ्ठ द्धह्लह्लश्च://1द्बस्र4ड्डठ्ठद्भड्डद्यद्ब.द्गस्रह्वष्ड्डह्लद्बशठ्ठ.द्दश1.द्बठ्ठ पर जाकर कर सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए कलेक्टोरेट के कक्ष क्रमांक 37 में तथा मोबाइल नंबर 9926615200 पर संपर्क किया जा सकता है। जिला मिशन समन्वयक समग्र शिक्षा जिला रायपुर के एस पटले ने बताया कि इसके दो मुख्य घटक है। पहला सेवाप्रदाता (वालेन्टियर) जिसके द्वारा शालाओं में विभिन्न विषयों को पढ़ाने हेतु सेवा प्रदान करना।