रायपुर
दो घंटे चली बैठक, जल्द फैसला संभव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 16 मई। प्रदेशभर के निर्माण विभागों में करोड़ों रुपए के टेंडर बहिष्कार के फैसले से शासन प्रशासन में हड़कंप मच गया है। इस सिलसिले में सरकार के अफसरों के साथ कान्ट्रेक्टर पदाधिकारियों की हुई। इस बैठक पर कान्ट्रेक्टरों ने सहमति जताई है।
पीडब्ल्यूडी और मुख्यमंत्री के सचिव कोमल सिद्धार्थ परदेशी और पीडब्ल्यूडी के मुख्य अभियंता ने संयुक्त रूप से छत्तीसगढ़ कॉन्ट्रैक्टर एसोसिएशन के पदाधिकारियों को सोमवार को बातचीत करने के लिए आमंत्रित किया। यहां दोपहर 2:00 बजे पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम मैं एसोसिएशन के अध्यक्ष बीरेश शुक्ला सहित 10 पदाधिकारियों के साथ शासन के अफसरों ने कॉन्ट्रैक्टरो की मांग पत्र पर बिंदुवार चर्चा की। करीब 2 घंटे तक चली बैठक में अधिकांश मांगो को जायज मानते हुए निराकरण की दिशा में सहमति जताया है। अगली बैठक 1 सप्ताह के अंदर फिर बैठक आहूत करने का निर्णय है। टेंडर बहिष्कार के तीसरे दिन हुई बैठक में पीडब्ल्यूडी के सचिव कोमल सिद्धार्थ परदेसी, छत्तीसगढ़ रोड कॉरपोरेशन के एमडी हिमशिखर गुप्ता के साथ प्रमुख अभियंता वीके भतपहरी, एडीबी प्रोजेक्ट के निदेशक एस के कोरी रायपुर परिक्षेत्र के मुख्य अभियंता ज्ञानेश्वर कश्यप, अधीक्षण अभियंता बीएस कुरराम मौजूद थे।
एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष बीरेश शुक्ला ने कहा है कि अधिकारियों के साथ हुई बैठक काफी सकारात्मक थी। बैठक 2 घंटे चली जिसमें मुख्य रूप से निर्माण विभागों में अनुबंध के बाद बड़े मटेरियल के दामों सहित कई मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई, परंतु अभी कोई निर्णय नहीं हुआ है। बैठक में अफसरों ने एस ओ आर और बाजार मूल के अंतर की राशि का पैकेज दूसरे राज्यों में किस तरह तय की गई है। साथी गौण खनिज रॉयल्टी जिसके कारण कॉन्टैक्टर परेशान है उस विषय पर भी दूसरे राज्यों की शर्तों की जानकारी मांगा है।
एसोसिएशन ने तय किया है कि बढ़ते हुए मटेरियल के कारण जिस तरह से सभी निर्माण विभागों के कांन्ट्रैक्टरो कर्ज में डूब रहे हैं! इसी मजबूरी की वजह से टेंडर बहिष्कार का निर्णय लिया है। इसलिए जब तक एस ओ आर दर और बाजार मूल्य के बीच के अंतर की राशि सहित 15 सूत्रीय मांगों पर ठोस निराकरण का रास्ता नहीं निकल जाता तब तक सभी विभागों के टेंडरों का बहिष्कार किया जाएगा।