कोण्डागांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोण्डागांव, 16 मई। धरना, आंदोलन, प्रदर्शन और रैली पर राज्य सरकार की ओर से रोक लगा दिए जाने के बाद से भाजपा विरोध की मुद्रा में नजर आ रही हैं। इसी कड़ी में 16 मई को कोण्डागांव के एनसीसी मैदान में धरना प्रदर्शन किया गया। जिसके बाद भारी संख्या में भाजपाईयों ने गिरफ्तारी दी।
धरना, आंदोलन, प्रदर्शन और रैली पर लगे रोक को भाजपा ने इमरजेंसी की संज्ञा दिया है। इसके विरोध में नगर के एनसीसी मैदान में सरकार के खिलाफ एकत्रित होकर धरना देते आंदोलन का बिगुल फूंका गया। धरना उपरांत रैली की शक्ल में कलेक्ट्रेट घेराव करने निकले हजारों पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं को प्रशासन ने बाजारपारा के पास रोक लिया गया, जहां सभी की औपचारिक गिरफ्तारी हुई।
धरना स्थल पर उपस्थित जनों को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य व प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष लता उसेण्डी ने कहा, यह सिर्फ भाजपा का नहीं, आम जनता का आंदोलन है। भाजपा व अनुषांगिक संगठन से जुड़े पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं के अलावा विभिन्न कर्मचारी संगठन व सामाजिक संगठन के लोग भी इस गम्भीर विषय में शामिल हो रहे हैं। कांग्रेस की सरकार प्रदेश की जनता से उनके मौलिक अधिकारों को छीन कर 1977 के आपातकाल वाली परिस्थिति पैदा करने की कोशिश कर रही है, जिसे किसी भी कीमत में सफल नहीं होने दिया जाएगा।
इसी तरह केशकाल के पूर्व विधायक सेवकराम नेताम ने कहा कि भूपेश सरकार द्वारा आंदोलन की अनुमति पर बनाए गए नियम अलोकतांत्रिक है। समानता और न्याय के आदर्शों के साथ ही लोकतांत्रिक मूल्य का एक महत्त्वपूर्ण घटक होती है स्वतंत्रता, और स्वतंत्रता से तात्पर्य अभिव्यक्ति की आजादी भी होता है। जिलाध्यक्ष दीपेश अरोरा ने कहा, लोकतांत्रिक मूल्य देश एवं समाज की प्रगति के बेहतर मानक होते है जो समाज को सर्वसमावेशी और न्यायिक बनाते है।
इस दौरान जिला व मोर्चा प्रकोष्ठ के भाजपा पदाधिकारियों के साथ कार्यकर्ता ने बड़ी संख्या में अपनी गिरफ्तारी देकर विरोध दर्ज किया।