दन्तेवाड़ा

भाजपाइयों के साथ पुलिस की झूमा-झटकी, दी गिरफ्तारियां
16-May-2022 9:23 PM
भाजपाइयों के साथ पुलिस की झूमा-झटकी, दी गिरफ्तारियां

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दंतेवाड़ा,  16 मई।
भाजपा प्रदेश संगठन के निर्देशानुसार दंतेवाड़ा दुर्गा मण्डप आवराभाटा में आज जिला स्तरीय विरोध प्रदर्शन एवं जेल भरो आंदोलन किया गया।

कांग्रेस की भूपेश सरकार के आदेश जिसमें निजी, सार्वजनिक, धार्मिक, राजनितिक एवं अन्य संगठनों द्वारा प्रस्तावित सार्वजनिक आयोजनों पर 19 बिंदुओं की शर्त सहित पाबंदी लगा दी है, उसके विरुद्ध भारतीय जनता पार्टी के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ताओ ने पहले आवाराभाटा दुर्गा मण्डप में धरना प्रदर्शन किया एवं रैली निकाल कर कलेक्टोरेट की ओर बढ़े, जिसको पुलिस के द्वारा रेलवे फाटक के पहले बेरीकेड लगाकर बलपूर्वक रोकने का प्रयास किया गया एवं लगभग 15 मिनट तक दोनों ओर से झूमाझटकी हुई। इसके पश्चात शासकीय नवीन हाईस्कूल आवाराभाटा में बनाये गये अस्थाई जेल में हजारों की संख्या में मौजूद भारतीय जनता पार्टी के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ताओ को अस्थाई रूप से डाल दिया गया।

भाजपा जिलाध्यक्ष चैतराम अटामी ने बताया कि कांग्रेस का ऐसा करने का पुराना इतिहास रहा है, आपातकाल लगाकर उसने हमें जीने के अधीकार से पूर्व में भी वंचित कर दिया था। लोकतान्त्रिक व्यवस्था में विरोध का मौलिक अधिकार जनता को होता है। पूर्व में प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी के समय भी आपातकाल लगाया गया था, ठीक उसी तरह कांग्रेस के सत्ते के नशे में चूर बघेल सरकार द्वारा काले कानून के जरिये अघोषित आपातकाल लगाया जा रहा है, जिससे विपक्ष और जनता की आवाज़ को कुचला जा सके।
 
इससे प्रदेश सरकार अपनी कुंठित मानसिकता का परिचय दे रही है जिससे छत्तीसगढ़ में भय, आतंक और दमन की राजनीति कर सके। इसका भाजपा द्वारा आज जेल भरो आंदोलन के माध्यम से संघर्ष कर पुरजोर विरोध किया जा रहा है।

आगे कहा कि एक तरफ कांग्रेस पार्टी उत्तर प्रदेश चुनाव में महिला हूं लड़ सकती हूं कहकर अपने पार्टी को महिला वर्ग का हितोशी बताना चाहती है वहीं दूसरी तरफ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा भेंट मुलाकात कार्यक्रम में वहां अपनी परेशानी लेकर पहुंची महिला को नेतागिरी मत कर कहकर अपमान किया जाता है, और दंतेवाड़ा में महिला पटवारी लल्ली मेश्राम ने शासन की गलत नीतियों से परेशान होकर राज्यपाल से स्वयं इच्छा मृत्यु की राज्यपाल को पत्र लिखकर मांग की है, और छत्तीसगढ़ मनरेगा कर्मचारी महासंघ आज भी दंतेवाड़ा में अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन पर हैं। पूरे प्रदेश में अस्थिरता का माहौल है।  महिला पटवारी द्वारा इच्छा मृत्यु की मांग करना प्रदेश सरकार की महिला विरोधी मानसिकता को दर्शाता है।

भाजपा जिलाध्यक्ष अटामी ने बताया कि  जब से कांग्रेस की सरकार छत्तीसगढ़ में आई है, महिला उत्पीडऩ के मामलों की घटनाएं प्रतिदिन सुनने में आती है और प्रदेश के लोग अपने आप को असुरक्षित महसूस करने लगे  हैं, इन सब प्रदेश सरकार की गलत नीतियों के विरुद्ध जब कर्मचारी, विपक्षी दल और संगठन को लोकतांत्रिक व्यवस्था में अधिकार है कि सरकार से अपनी मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन कर सकते हैं, लेकिन इससे घबराकर प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल काले कानून लागू कर रहे हैं, इसमें किसी भी तरह का विरोध एवं धरना प्रदर्शन से पहले अनुमति लेने की बात कही गई है। यह स्पष्ट होता है कि प्रदेश सरकार अस्थिर है और वह विरोध प्रदर्शन से डरी हुई है इसलिए ऐसे काले कानून लाने की साजिश रची जा रही है।

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