गरियाबंद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
गरियाबंद, 19 मई। छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा ने मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़, मुख्यसचिव छत्तीसगढ़, सचिव वित्त विभाग, सचिव सामान्य प्रशासन विभाग छत्तीसगढ़ शासन को पत्र लिखकर भारत सरकार, उत्तरप्रदेश सरकार व उत्तराखंड सरकार के पत्र का हवाला देते हुए 20 वर्ष की अर्हकारी सेवा होने पर 50 फीसदी पेंशन निर्धारण का प्रावधान करने की मांग की है।
ज्ञात हो कि दिनांक 1/1/1996 से प्रभावशील पुनरीक्षित वेतनमानों में प्राप्त वेतन के आधार पर पेंशन, पेंशन नियम 1976 में परिभाषित अनुसार 33 वर्ष की अर्हकारी सेवा होने पर 50 फीसदी पेंशन निर्धारण का प्रावधान छत्तीसगढ़ राज्य में प्रचलित है, कम सेवा होने पर अनुपातिक पेंशन निर्धारण का नियम है।
छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष संजय शर्मा, प्रदेश संयोजक सुधीर प्रधान, प्रदेश उपाध्यक्ष देवनाथ साहू, कोषाध्यक्ष शैलेन्द्र पारीक जिलाध्यक्ष परमेश्वर निर्मलकर ,प्रांतीय संगठन मंत्री यशवंत बघेल, सह सचिव विनोद सिन्हा, संयुक्त सचिव पुरन लाल साहू ,प्रदेश मंत्री छन्नू सिन्हा, आई टी सेल गिरिश शर्मा, गीता शरणागत,नदकुमार रामटेके, सुरेश केला, ब्लॉक अध्यक्ष जितेन्द्र सोनवानी, हुलस साहू, संतोष साहू, गोविंद पटेल, धोबलेश्वर बेहरा, आर एस कंवर, संजय यादव भूपेन्द्र गिरि गोस्वामी, सलीम मेमन, षडानंद सर्वाकर, ईरफान कुरैशी, महेन्द्र प्रधान सनत यादव, किरन साहू, जमशीर कुरैशी, लता ने कहा है कि भारत सरकार के आदेश सं. 38/37/08-पी.एंड पी डब्ल्यू (ए) कार्मिक, लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय (पेंशन एवं पेंशन भोगी कल्याण विभाग नई दिल्ली ) के पेंशन नियम के बिंदू 5 (2) में प्रावधान किया गया है कि पूरी पेंशन के लिए 33 वर्षों की पात्र सेवा के संबंधों को समाप्त कर दिया जाएगा। एक बार सरकारी सेवक द्वारा 20 वर्षों की निर्धारित सेवा पूरी कर लेने के बाद पेंशन परिलब्धियों या पिछले 10 महीने के दौरान प्राप्त उपलब्धियों के औसत जो भी अधिक हो कि 50 फीसदी पेंशन दी जाएगी।
प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा ने कहा है कि 33 वर्ष की अर्हकारी सेवा होने के कारण छत्तीसगढ़ के अधिसंख्य कर्मचारी 50 प्रतिशत (पूर्ण) पेंशन निर्धारण के लाभ से वंचित हो रहे है। छत्तीसगढ़ में अब तक कभी भी किसी कर्मचारी संगठनों ने 33 वर्ष अर्हकारी सेवा को कम करने का मांग ही नही किया, जिसके कारण अनेकों कर्मचारी 50 प्रतिशत (पूर्ण) पेंशन से अब तक वंचित होते रहे है।
छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन ने मांग किया है कि केंद्र सरकार, उत्तरप्रदेश सरकार, व उत्तराखंड सरकार की तरह छत्तीसगढ़ राज्य में भी पेंशन निर्धारण के लिए 33 वर्ष अर्हकारी सेवा के स्थान पर 20 वर्ष अर्हकारी सेवा होने पर 50 फीसदी (पूर्ण) पेंशन निर्धारण का प्रावधान किया जावे, इससे प्रदेश के अधिसंख्य कर्मचारियो को पूर्ण पेंशन की पात्रता होगी।