रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 19 मई। सहायक शिक्षक के वेतन निर्धारण में हो रही विसंगति में सुधार को लेकर प्रंाताध्यक्ष ओमप्रकाश बघेल ने कहा कि नियमानुसार 8 वर्ष की तिथि में समयमान वेतनमान के आधार पर प्राप्त कर रहे मूल वेतन को 1.86 से गुणा करके जो राशि प्राप्त होगी उसमें उस पद का ग्रेड पे जोडक़र वेतन निर्धारण करना चाहिए।
एक ही पद में 10 वर्ष पूर्ण का चुके शिक्षक का पे ग्रेड बदलने कीआवश्यक्ता हैं। जैसे सहायक शिक्षक को 4200 शिक्षक को 4400 और व्याख्याता को 4800 दे देना चाहिए इस प्रकार 20 वर्ष में दूसरा व 30 वर्ष में तृतीय उच्चतर वेतनमान देने से वेतन विसंगति सदा के लिए समाप्त हो सकती है।
बघेल ने बताया कि वेतन निर्धारण में विसंगतियों को सुधारने की सिर्फ यहीं मांग सभी संगठन को करना चाहिए।
उन्होंने बताया कि टाईम स्केल के आधार पर वेतन पुनरीक्षण का निर्धारण किया जाना चाहिए था। 01.05.2012 के पंचायत विभाग से स्वीकृत समयमान के आदेश में वेतनमान संरचना में भी तकनीकी लेखा खामियां है। जैसे सहायक शिक्षक पंचायत का वेतनमान 5000-150-20000 +अध्यापन भत्ता जो कि नियमित छठवां वेतनमान के विधमान वेतनमान 5000-150-8000 से मैच नहीं होता,यदि छठवां में वेतन पुनरीक्षण नियम 2009 की अनुसूची-1 के अनुसार यह वेतनमान होता तो 9300-34809 +4200 में वेतनमान का निर्धारण करना ही पड़ता है।
पर इसे कुटिलता और चालाकी से अनुसूची-2 में 2400 ग्रेड पे पर निर्धारण किया जाता रहा है।
गौरव द्विवेदी तत्कालीन शिक्षा सचिव के सविलियन उपरांत समयमान पर वेतन निर्धारण के मार्गदर्शन /आदेश 06.04.2019 में भी तत्समय लागु जैसे शब्दों का प्रयोग कर वेतन निर्धारण में विसंगतियों को दूर करके 9300 +4200 ग्रेड पे पर रिवाइज एलपीसी जारी होने के बजाय और उलझाये रखा है। उस पर स्थानीय निधी संपरीक्षक कार्यालयों ने भी तानाशाही रवैया अपना लिया है