दुर्ग
यूपी के 5 व एमपी का 1 गिरफ्तार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
भिलाई नगर, 20 मई। सीआईएसएफ की आरक्षक भर्ती परीक्षा में धोखाधड़ी करने वाले गैंग का खुलासा दुर्ग पुलिस के द्वारा किया गया। गिरोह के सरगना सहित 6 आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं। ये लोग आरक्षक जीडी परीक्षा में आवेदक के स्थान पर स्वयं उपस्थित होकर परीक्षा और भर्ती के विभिन्न पायदानों में अलग-अलग लोगों को खड़ा कर कर धोखाधड़ी करते थे। आरोपियों के कब्जे से फर्जी आधार एवं भर्ती से संबंधित फर्जी दस्तावेज एवं नगदी रकम बरामद हुई है। आरोपियों ने स्वयं को छग का निवासी बताने के लिए फर्जी आधार कार्ड व स्थायी निवासी प्रमाण पत्र भी बनवाया है।
दुर्ग पुलिस अधीक्षक डॉ. अभिषेक पल्लव ने पत्रकारवार्ता में बताया कि प्रार्थी लोकेश कुमार कुर्रे (38) उतई ने थाना आकर बताया कि केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल आरटीसी भिलाई में भर्ती बोर्ड आरक्षक/जीडी 2021 की परीक्षा दौरान 18 मई को पीएसटी/पीईटी टेस्ट हेतु रिपोर्ट किये अभ्यार्थियों का बायोमेट्रिक टेस्ट के दौरान आरआरसी केरिपुब भोपाल द्वारा उपलब्ध कराये गये फिंगर प्रिंट तथा फोटो में मेल नहीं पाये जाने पर भर्ती बोर्ड को धोखा दे चयन प्रक्रिया में सम्मिलित हुआ गया है।
थाना उतई में धारा 419, 420, 467, 468, 120वी भादवि पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विवेचना दौरान आरोपियों में चन्द्रशेखर सिंह (20) गणेश कॉलोनी जिला आगरा (उप्र), श्याम वीर सिंह निषाद (20) उमरायपुरा आगरा, महेन्द्र सिंह (19 ) रामपुर जिला आगरा, अजित सिंह (19) ऐतमापुर जिला आगरा, दुर्गेश सिंह तोमर (31) खान्द कपरा जिला मुरैना (मप्र), हरीओम दत्त (25) रामनरी जिला आगरा (उप्र) को हिरासत में लेकर कड़ाई से पूछताछ करने पर मुख्य आरोपी दुर्गेश सिंह तोमर उर्फ ब्रिजेश उर्फ झाडी एवं हरीओम ने सीआईएसएफ में भर्ती कराने के लिये प्रत्येक अभ्यर्थी से 5-5 लाख रूपये में नौकरी लगाने की बात करके फर्जी दस्तावेज तैयार कर अलग-अलग व्यक्तियों को परीक्षा के विभिन्न पायदानों में उपस्थित कर शासन को धोखाधड़ी करना स्वीकार किया।
अभ्यर्थियों को आगरा से किराये के बोलेरो में लेकर आना बताया। आरोपियों के पास से स्वयं को छग का स्थायी निवासी बताने के लिये बनाये गये फर्जी छत्तीसगढ़ का स्थायी निवासी एवं आधार कार्ड आरोपियों के कब्जे से बरामद कर जब्त किया गया। आरोपियों द्वारा अपराध घटित करना स्वीकार करने से गिरफ्तार कर आरोपियों के कब्जे से फर्जी दस्तावेजों को जब्त कर आरोपियों को न्यायिक रिमाण्ड पर भेजा गया है।