सरगुजा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अम्बिकापुर,20 मई। वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष वीरेंद्र पांडेय ने शुक्रवार को स्थानीय विश्राम भवन में पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि हरिहरपुर में कोयला खदान को लेकर जो हो रहा है, वह काफी गलत हो रहा है। वहां जाने के बाद वहां की भयावहता का पता चलता है। उन्होंने कहा कि इस कोयला खदान को लेकर क्षेत्र के ढाई से तीन लाख पेड़ काटे जाने का आंकड़ा सरकारी है, परंतु वहां चार लाख से ज्यादा पेड़ कटेंगे।
श्री पांडेय ने कहा कि वहां सिर्फ पेड़ काटे जाने का आदेश नहीं दिया गया, बल्कि हम सब की हत्या करने के दस्तावेज में दस्तखत कर दिया गया है। गत दिनों मुख्यमंत्री के द्वारा प्रेसवार्ता में कही गई बातों का जिक्र करते हुए श्री पांडेय ने कहा कि मुख्यमंत्री ने कहा था कि जंगल चाहिए या बिजली। इसका जवाब देते हुए श्री पांडे ने कहा कि हमें जंगल भी चाहिए और बिजली भी चाहिए। अगर जंगल या बिजली दोनों में से किसी को तय करना हो तो हमें जंगल ही चाहिए।
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि हरिहरपुर कोयला खदान में सिर्फ छत्तीसगढ़ सरकार का नहीं बल्कि राजस्थान सरकार और ठेका कंपनी का लालच शामिल है। अगर हम लालच छोड़ दे तो जंगल भी रहेगा और बिजली भी मिलेगी। कोयला खदान को लेकर जितना खर्च किया जा रहा है इन सबसे कम खर्च में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देकर काम किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ 3 गांव का नहीं बल्कि हम सब का झगड़ा है।