बालोद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बालोद, 21 मई। शहर के आमापारा परमेश्वरी भवन में सर्व छत्तीसगढिय़ा समाज और छत्तीसगढिय़ा क्रान्ति सेना की बैठक सम्पन्न हुई। जिसमें छत्तीसगढिय़ा परंपरा से हो रहे पूजा कार्यक्रम में बाहरी लोगों के द्वारा किए गए पथराव के विरोध में एक दिवसीय बालोद जिला बंद करने का आह्वान किया गया।
ज्ञात हो कि 1 मई को डौंडीलोहारा क्षेत्र के तुएगोंदी में कथित बाबा के अनुयायियों के द्वारा ग्रामीणों पर जानलेवा हमला किया गया। ग्रामवासियों को छत्तीसगढिय़ा रीति से पूजा-अर्चना करने पर जान से मारने की धमकी दी गई। जिससे आक्रोशित सर्व छत्तीसगढिय़ा समाज और छत्तीसगढिय़ा क्रान्ति सेना ने एक दिन बालोद जिला बंद करने का आव्हान किया है। जिसमें जरूरी सुविधाएं को छोड़ कर ट्रांसपोर्ट, बस सेवा, व्यावसायिक प्रतिष्ठानें सब बंद करने का आह्वान किया गया है।
21 समाज प्रमुखों की बैठक में बनी सहमति, सभी ने कहा - हमारी संस्कृति का संरक्षण जरुरी परमेश्वरी भवन के बैठक में राउत, कुर्मी, तेली, कोष्टा, विश्वकर्मा, मरार पटेल, सोनार, कलार, निषाद, हल्बा, कंवर, गोंड़ जैसे 21 मूल छत्तीसगढिय़ा समाज के जिला स्तर के प्रमुखों की बैठक आहूत की गई। जिसमें उपस्थित पदाधिकारियों ने तुएगोंदी में हुए हमला को सर्व छत्तीसगढिय़ा समाज की संस्कृति को खतरा बताया। समाज के लोगों ने बाहरी संस्कृति के छत्तीसगढ़ में तेजी से फैल रहे संक्रमण को रोकने के लिए गांव-गांव में समाज स्तर पर अपने देवी-देवता और अपने समाज के गौरव गाथा के लिए कार्यशाला लगाने की बात कही। राउत समाज के प्रमुख चंद्रहास यादव ने कहा कि समाज को गांव स्तर पर मजबूत करने की जरूरत है। समाज से भटके हुए लोगों को सही मार्ग दिखाने की जिम्मेदारी भी समाज की ही है।