रायगढ़
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 21 मई। सिटी कोतवाली रायगढ़ पुलिस ने मानवता की एक बड़ी मिसाल पेश की है। मां के निधन बाद बच्चों को अपने नहीं मिले तो टीआई ने अंतिम संस्कार कराया।
इलाहाबाद (वर्तमान में प्रयागराज) से आकर जिले के कोसमनारा में बसे एक श्रमिक परिवार की नर्मदा तिवारी का 18 मई को लंबी बीमारी के बाद के.जी.एच. रायगढ़ निधन हो गया।
महिला के पति का दो साल पहले निधन हो चुका है। मृतिका अपने पीछे दो बच्चे लडक़ी 16 साल और लडक़ा 8 साल को छोडक़र चली गई, महिला का शव दो दिनों तक मच्यूरी में रखा था। आज थाना प्रभारी कोतवाली निरीक्षक मनीष नागर अपने स्टाफ के साथ बीते रोज उर्दना के पास हुये रोड एक्सीडेंट की जांच करने के.जी.एच. पहुंचे थे। मृतका की बेटी टीआई मनीष नागर को देखकर रोते हुए उनके पास आयी और बताया कि उनका इलाहाबाद और रायगढ़ में कोई नहीं है, जान पहचान वाले भी मां का क्रियाकर्म के लिए नहीं आ रहे हैं।
टीआई नागर बच्चों को दिलासा देकर बोले कि आपकी मां का सम्मानपूर्वक अंतिम संस्कार किया जावेगा और तुम दोनों (बच्चों) के रहने का उचित प्रबंध करते हैं। जिसके तत्काल बाद टीआई अपने स्टाफ को मुक्तिधाम तक शव ले जाने वाहन की व्यवस्था करने निर्देशित किये, टीआई और उनके स्टाफ शव को कंधा देकर वाहन से कयाघाट मुक्तिधाम पहुंचे।
पुलिस के इस नेक कार्य की जानकारी पर समाजसेवी संस्था मां फाउंडेशन रायपुर के स्थानीय सदस्यगण सहयोग के लिये आगे आये। महिला के बेटे ने हिंदू रीति-रिवाज के अनुसार महिला का अंतिम संस्कार किया गया, उनकी अस्थि नदी में प्रवाहित किया जावेगा। शव के अंतिम संस्कार के बाद महिला के दोनों बच्चों को देखभाल के लिये चाइल्ड लाइन के सुपुर्द किया गया है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को जब इसकी जानकारी हुई तो टीआई नागर और उनके स्टाफ की सराहना की।