कोरिया

रेत की अवैध खुदाई रोकने ग्रामीण महिलाएं धरने पर
21-May-2022 9:23 PM
रेत की अवैध खुदाई रोकने ग्रामीण महिलाएं धरने पर

एसडीएम को दिया था ज्ञापन, डूब कर मर रहे हंै मवेशी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर (कोरिया), 21 मई।
कोरिया जिले के भरतपुर में रेत के अवैध उत्खनन को लेकर ग्रामीण महिलाएं धरने पर बैठी हुई है उनका कहना है कि अवैध रेत उत्खनन से नदी में बड़े बड़े गढ्ढे हो गए है और हमारे मवेशी उसमें डूब कर मर रहे है, इसके अलावा भूमिगत जल सूख गया है, पीने के पानी की समस्या खड़ी हो गई है। बीते 3 साल से जारी अवैध रेत उत्खनन से पर्यावरण का नुकसान हो रहा है।

जानकारी के अनुसार कोरिया जिले के भरतपुर विकासखंड के संरक्षित क्षेत्र हरचोखा सीतामढ़़ी जिसे राज्य में रामवनगमन मार्ग में शामिल किया गया है, यह मवई नदी के किनारे स्थित है, इससे लगी मप्र और उप्र की सीमा है, बीते 4 साल से यहां से अवैध रेत का उत्खनन और परिवहन किया जा रहा है, कई बार ग्रामीणों ने धरना प्रदर्शन किया, आम आदमी पार्टी ने भी बीते 4 साल में कई बार ज्ञापन भी सौपा, परन्तु रेत उत्खनन और परिवहन पर किसी भी तरह का ब्रेक नहीं लगा, वहीं अब यहां अवैध रेत उत्खनन मंदिर परिसर के करीब पहुंच गया है, जिसे लेकर ग्रामीण खासे नाराज हे, उन्होने एसडीएम को पत्र देकर जल्द से जल्द अवैध रेत उत्खनन रोकने की मांग की थी नहीं रूकने पर 18 मई से धरने पर बैठने की चेतावनी दी थी, बीते 18 मई से ग्रामीण महिलाएं धरने पर बैठी हुई है। दरअसल, अवैध रेत के उत्खनन से मवई नदी मे काफी बड़े बड़़े आकार के गढ्ढे हो चुके है, पोकलेन की मदद से यहां से रेत का उत्खनन किया जा रहा है। जिससे कारण पानी पीने आने वाले मवेशी गढ्ढों में चले जाते है और डूब जाने से उनकी मौत हो जाती है। वहीं क्षेत्र में पीने के पानी का संकट गहरा गया है, पड़ रही भीषण गर्मी में अवैध उत्खनन से जलस्तर काफी नीचे चला गया है, जिससे पेयजल संकट खड़ा हो गया है। समस्याओं को देखते हुए ग्रामीण महिलाओं ने एसडीएम को पत्र देकर मांग की थी, परन्तु किसी भी तरह की कार्यवाही नहीं की गई।

जिला पंचायत सदस्य ने भी लिखा था पत्र
मवई नदी में जारी अवैध रेत उत्खनन को लेकर जिला पंचायत सदस्य रविशंकर सिंह ने भी एसडीएम को पत्र लिखकर इसे बंद करने की मांग की थी, उन्होने अपने पत्र में बताया है कि बीते 3 से 4 साल से अवैध उत्खनन से मवई नदी को काफी नुकसान हुआ हे, साथ ही कई जीवजंतु भी मर रहे है। मवेशियों की मरने के सबसे ज्यादा मामले यहां सामने आ रहे है, परन्तु प्रशासन इस पर रोक नहीं लगा रहा है। वहीं यहां की रेत मप्र और उप्र में ले जाकर बेची जा रही है जिससे सडक़ जर्जर हो चुकी है।

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