राजनांदगांव
राजनांदगांव, 23 मई। शासकीय दिग्विजय महाविद्यालय के प्राणी शास्त्र विभाग द्वारा 22 मई को विश्व जैव विविधता दिवस मनाया गया।
इस अवसर पर प्राचार्य डॉ. केएल टांडेकर ने कहा कि प्राकृतिक संसाधनों पर केवल मनुष्य का ही नहीं, बल्कि सभी जीव-जंतुओं का समान रूप से अधिकार है। अत: वर्तमान पीढ़ी की जिम्मेदारी है कि भविष्य की पीढिय़ों के लिए संसाधनों के संरक्षण के साथ विकास हो, इसके लिए सस्टेनेबल डेवलपमेंट की अवधारणा ही भविष्य को सुरक्षित सुरक्षित तथा जीव-जंतुओं एवं प्रकृति को संरक्षित कर सकती है।
अध्यक्षता करते प्राणी शास्त्र की विभागाध्यक्ष प्रो. उषा ठाकुर ने विद्यार्थियों को प्रकृति के संरक्षण का महत्व समझाया तथा जानकारी दी कि विभाग द्वारा पक्षियों को बचाने हेतु घोसला निर्माण को एक जनअभियान बनाया जा रहा है।
कार्यक्रम का संचालन करते डॉ. माजिद अली ने बताया कि प्रकृति का प्रत्येक जीव चाहे वह सूक्ष्म बैक्टिरिया हो या विशाल पेड़ अथवा विशाल जंतु जैसे शेर, हाथी, व्हेल आदि अत्यंत महत्वपूर्ण है। इनमें से एक भी जीव के नष्ट होने से इकोसिस्टम का संतुलन बिगड़ जाता है। वाइल्ड लाइफ फंड की रिपोर्ट के अनुसार पिछले 20 वर्ष में 3000 से अधिक प्रजातियां नष्ट हो चुकी है। इकोसिस्टम के असंतुलन का सीधा प्रभाव मानव जीवन पर पड़ता है। कार्यक्रम में डॉ. किरण लता दामले, डॉ. एचएस भाटिया, डॉ. संजय ठिस्के, चिरंजीव पांडे तथा स्नातकोत्तर के विद्यार्थी उपस्थित थे।