सरगुजा

राजस्थान में ब्लैकआउट की स्थिति का डर, आरआरवीयूएनएल के सीएमडी ने कलेक्टर से की अविलंब खदान शुरू करवाने की मांग
23-May-2022 8:59 PM
राजस्थान में ब्लैकआउट की स्थिति का डर, आरआरवीयूएनएल के सीएमडी ने कलेक्टर से की अविलंब खदान शुरू करवाने की मांग

कहा कुछ लोग आदिवासियों को कर रहे गुमराह, हम पर्यावरण के दुश्मन नहीं

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अंबिकापुर 23 मई।
राजस्थान में कोयले की किल्लत के चलते अंधकार की स्थिति निर्मित न हो, इस उद्देश्य से आज राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (आरआरवीयूएनएल) के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर आर के शर्मा ने आज सरगुजा प्रवास पर जिला मुख्यालय अंबिकापुर का दौरा किया।

उन्होंने सरगुजा कलेक्टर संजीव कुमार झा तथा पुलिस अधीक्षक भावना गुप्ता और सूरजपुर कलेक्टर इफ्फत आरा से सौजन्य मुलाकात कर राजस्थान राज्य के बिजली संयंत्रों में कोयले की कमी से उत्पन्न बिजली कटौती अंधकार की स्थिति की समस्या पर विस्तार से चर्चा की।

उन्होंने श्री झा से परसा ईस्ट केते बासेन (पीईकेबी), खदान के दूसरे चरण और परसा खदान की सभी अड़चनों को दूर कराकर जल्द से जल्द खनन शुरू करने में सहायता के लिए अनुरोध किया। उन्होंने बताया कि राजस्थान राज्य में उपस्थित लगभग 4340 मेगावॉट के ताप विद्युत संयंत्रों में अब कुछ ही दिनों का ही कोयला शेष बचा है और अगर कोल आपूर्ति समय पर नहीं हुई तो ब्लैकआउट की स्थिति भी निर्मित हो सकती है।

आरआरवीयूएनएल के तीनों खदान पीईकेबी, परसा और केते एक्सटेशन में से फिलहाल पीईकेबी में ही कोयला उत्पादन जारी है वहीं अन्य दो की प्रक्रियाओं में अभी कई अड़चनों के कारण खनन शुरू नहीं हो पा रहा है।
पीईकेबी खदान के प्रथम चरण में कुछ ही दिनों का कोयला बचा है और अब तक दूसरा चरण शुरू न हो पाने की स्थिति में राजस्थान के विज यंत्रो को खुदकी खदान से मिलने वाला सालाना 150 टन ईंधन मिलना बंध हो जाएगा।

जिला कलेक्टर और अन्य उच्च अधिकारियों को मिलने के बाद, सीएमडी श्री शर्मा ने पत्रकारों को दिए जवाब में साफ़ कर दिया कि राजस्थान को छत्तीसगढ़ राज्य और केंद्र सरकार से जरुरी सारी अनुमति मिल गयी है।  कुछ लोगों द्वारा इसका विरोध की वजह से हमारे परसा ईस्ट के द्वितीय फेज और परसा कोल ब्लॉक के लिए मिली सभी कानूनी अनुमतियों के बाद भी खनन शुरू नहीं हो पा रहा है। इसलिए उन लोगों को उचित माध्यमों से वार्तालाप करके समझाना चाहिए। पीईकेबी खदान के द्वितीय फेज के खनन की अनुमति मार्च 25 को प्रदान की गयी है और अगर राजस्थान के 4340 मेगावाट के यूनिटों के लिए जून के प्रथम सप्ताह तक कोयला नहीं मिल पाया तो राजस्थान में अंधकार की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। अत: इसे जल्द ही शुरू कराने हेतु कलेक्टर से अनुरोध किया है।

श्री शर्मा ने कहा कि कुछ लोग आदिवासियों को गुमराह कर रहे हैं, हम पर्यावरण के दुश्मन नहीं हैं, हम जितना पेड़ काटेंगे, उससे 4 गुना पेड़ लगाएंगे।

उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने हाल ही राजस्थान के समर्थन में कहा था कि, देश को बिजली चाहिए तो कोयले की जरूरत तो पड़ेगी। कोयला वहीं है, जहां पहाड़ और जंगल है। जंगलों को बचाने के लिए नीतियां बनी है। वन विभाग उसे देखते हैं। उसके लिए वन अधिनियम है, पर्यावरण कानून है। उन नियमों का उल्लंघन नहीं होना चाहिए। पिछले सप्ताह, रायपुर हेलीपेड में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सुकमा रवाना होने से पहले मीडिया से बातचीत में मुख्यमंत्रीश्री बघेल ने याद दिलाया था कि आज कोयले के लिए पैसेंजर ट्रेन को रोकना पड़ रहा है और ऐसा इतिहास में कभी देश में ऐसा नहीं सुना गया था।

साल्ही में 100 बिस्तरों का अस्पताल खुलेगा
श्री शर्मा ने भरोसा दिलाया कि उनके राज्य की परियोनाओं से आदिवासियों का भी फायदा है। उन्होंने सूचित किया की आरआरवीयूएनएल की 100 बिस्तरों का एक अस्पताल साल्ही में खोलने जा रहे है जिससे सभी स्थानीय को नजदीक में ही सभी को अच्छी स्वास्थ्य सुविधा प्राप्त होगी। वर्तमान में चल रहे विद्या मंदिर को कक्षा 12 तक की सुविधा मिलने जा रही है। आरआरवीयूएनएल इन कदमो साथ साथ कई और तरह के विकास कार्यों से सभी को बहुत फायदा मिलता रहेगा।

उल्लेखनीय है कि इस सिलसिले में राजस्थान की मुख्य सचिव उषा शर्मा द्वारा भी छत्तीसगढ़ में अपने समकक्ष अधिकारी अमिताभ जैन को पत्र के द्वारा घंटो बिजली कटौती की समस्या को बताते हुए सरगुजा जिले में आवंटित परसा कोल ब्लॉक से संबधित सभी अड़चनों को शीघ्र दूर कराने का अनुरोध किया है।

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