सरगुजा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अम्बिकापुर,23 मई। उर्स कार्यक्रम में पहुंचे सहकारिता प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष अजय बंसल ने कहा कि बाबा मुरादशाह और बाबा मोहबत शाह का मजार सरगुजा में ऐतिहासिक महत्व रखता है, जैसा कि इस ग्राम का नाम सद्भावना ग्राम तकिया है, अत: यहां से मैं आप सभी को अनेकता में एकता का संदेश देते हुए उर्स शरीफ की बधाइयां देता हूँ। हमारे जिले में सालाना संपन्न होने वाले इस जलसे की खासियत है कि हर राजनीतिक दल, हर वर्ग के लोग यहां एकजुट होकर इसे मनाते हैं, मुझे भी कमेटी ने जो सम्मान दिया, उसके लिए मैं सभी का आभार प्रकट करता हूँ।
अपनी मन की मुरादें पूरी करने, मन्नत मांगने, चादर चढ़ाने और एक मेले के रूप में बच्चे उर्स देखने आते हैं, जैसा कि मैंने शुरू में बताया कि यहां हर संप्रदाय के लोग इक_े होते हैं, धार्मिक सद्भाव की यह मिसाल है जिसे हमें कायम रखना है, देश में चंद लोगों के द्वारा जो धार्मिक सद्भाव को खराब करने का कुत्सित प्रयास किया जा रहा है उसे किसी भी प्रकार से हम सफल न होने देंगे, आज यहां से यही संदेश लेकर हम जाएं कि आपसी प्रेम, भाईचारे और सौहार्द हम सब में बढ़ें यही दुआ/कामना हम बाबा मुरादशाह मोहबत शाह और मां महामाया से मांगते हैं।
श्री बंसल ने कहा कि हमारे प्रदेश में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में जो सरकार चल रही है उनकी विभिन्न जनहितैषी योजनाओं का लाभ तो हम सब को मिल ही रहा है साथ ही धार्मिक समरसता, एकता एवं सौहार्द मुख्यमंत्री का मुख्य संदेश है, इसीलिए कतिपय लोगों के द्वारा हमारे छत्तीसगढ़ को भी संप्रदायिकता की आग में झोंकने का असफल प्रयास एक-दो बार किया गया। जिसे मुख्यमंत्री ने एक सिरे से खारिज करते हुए देश के संविधान तथा कांग्रेस पार्टी की विचारधारा अनुरूप सर्व-धर्म संभाव का माहौल बनाए रखने का निर्देश प्रशासन को दिया और आज हम एक अच्छे वातावरण में यहां पर एकजुट होकर उर्स मना रहे हैं। हमें प्रयास करना चाहिए, हमारी-आपकी दुआओं में यह शुमार होना चाहिए कि जो अंतिम व्यक्ति के दिल में सामाजिक आर्थिक न्याय, सुरक्षा तथा विश्वास कायम कर सके।