सरगुजा

केन्द्रीय जेल में पुरुष चिकित्सक की नियुक्ति कराने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन
23-May-2022 9:51 PM
केन्द्रीय जेल में पुरुष चिकित्सक की नियुक्ति कराने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

 

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

अम्बिकापुर,23 मई। विगत कुछ दिनों से केन्द्रीय जेल, अम्बिकापुर में चिकित्सकीय उपेक्षा के कारण निरन्तर बढ़ रही कैदियों की मृत्यु दर का संज्ञान लेते हुए केन्द्रीय जेल, अम्बिकापुर में कैदियों की क्षमता व संख्या के अनुपात में ही योग्य पुरुष चिकित्सक संलग्न किए जाने हेतु सांसद प्रतिनिधि कैलाश मिश्रा, वेदांत तिवारी ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है।

पिछले पांच दिनों में 3 बंदियों की मौत की घटना पर केन्द्रीय जेल अधीक्षक राजेन्द्र गायकवाड़ का कहना है कि बंदियों की मौत अलग-अलग बीमारी से हुई है। वहीं तेज धूप व उमस भरी गर्मी के बीच क्षमता से अधिक बंदी केन्द्रीय जेल में हैं। केन्द्रीय जेल अंबिकापुर में बंदियों की क्षमता मात्र 1020 है, जबकि 2400 से ज्यादा बंदी केन्द्रीय जेल में बंद हैं। इतने बंदियों के बीच मात्र एक महिला डॉक्टर प्रगति सोनी है। यहां पुरूष डॉक्टर की भी नियुक्ति नहीं की गई है।

ज्ञापन में बताया गया कि कुछ दिनों से केन्द्रीय जेल, अम्बिकापुर में चिकित्सकीय उपेक्षा के कारण कैदियों की मृत्यु दर निरन्तर बढ़ रही है, जिसका आपके द्वारा संज्ञान लिया जाना सर्वथा उपयुक्त होगा। केन्द्रीय जेल अंबिकापुर में बीमारी से बंदियों की मौत का सिलसिला जारी है। पिछले 5 दिन के अंदर 3 बंदियों की मौत हो गई है। बुधवार को आजीवन कारावास की सजा काट रहे बंदी की इलाज के दौरान मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मौत हो गई। वह काफी कमजोर व बुखार से पीडि़त था। जेल प्रशासन द्वारा उसे इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 10 मई को भर्ती कराया गया था। मई महीने में तापमान 42 डिग्री के करीब है, इसका असर केन्द्रीय जेल में भी देखा जा रहा है।

तेज धूप व उमस भरी गर्मी से केन्द्रीय जेल में लगातार चिकित्सकीय उपेक्षा से बंदी बीमार हो रहे हैं। 13 से 18 मई के बीच 3 बंदियों की मौत इलाज के दौरान अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में हो गई है। जेल के. के मेडिकल कॉलेज अस्पताल जल अधीक्षक के अनुसार सभी अलग-अलग बीमारी से पीडि़त थे। हर दिन केन्द्रीय जेलाबेकापुर मेडिकल अस्पताल का जेल वार्ड बंदी मरीजों से भरा पड़ा है।

कालीघाट स्थित अजिरमा निवासी शीबू बर्मन उम्र 25 वर्ष मारपीट व छेड़छाड़ के मामले में केन्द्रीय जेल अंबिकापुर में बंद था। उसकी मानसिक स्थिति भी ठीक नहीं थी। 11 मई को अचानक तबियत बिगडऩे पर उसे इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया। इलाज के दौरान 13 मई की सुबह उसकी मौत हो गई।

बतौली चर्चपारा निवासी 31 वर्षीय प्रकाश मिंज को हत्या के मामले में वर्ष 2014 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। तब से वह केन्द्रीय जेल अंबिकापुर में सजा काट रहा था। 5 मई को उसे बुखार व चक्कर आने की शिकायत पर जेल प्रशासन द्वारा उसे इलाज के लिए अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यहां इलाज के दौरान 14 मई की देर रात उसकी मौत हो गई।

 बखरू राम पिता जयराम उम्र 40 वर्ष बलरामपुर जिले के कुसमी थाना क्षेत्र के ग्राम सुरबेना का रहने वाला था। हत्या के मामले में वर्ष 2014 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। तब से वह केन्द्रीय जेल अंबिकापुर में बंद था। ) मई को उसे बुखार व चक्कर आने की शिकायत पर जेल प्रशासन द्वारा उसे इलाज के लिए अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यहां इलाज के दौरान 18 मई की सुबह मौत हो गई।

क्षमता से अधिक हैं बंदी
केन्द्रीय जेल अंबिकापुर में बंदियों की क्षमता मात्र 1020 है, जबकि क्षमता से ढाई गुना अधिक 2400 से ज्यादा बंदियों के बीच एकमात्र महिला डॉक्टर प्रगति सोनी हैं। यहाँ पुरुष डॉक्टर की भी नियुक्ति नहीं की गई है। इसका भी खामियाजा बंदियों को भुगतना पड़ता है।

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news