कोण्डागांव

हसदेव अरण्य में कोल ब्लॉक के लिए दी मंजूरी को रद्द करने बसपा ने सौंपा ज्ञापन
23-May-2022 10:13 PM
हसदेव अरण्य में कोल ब्लॉक के लिए दी मंजूरी को रद्द करने बसपा ने सौंपा ज्ञापन

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोंडागांव , 23 मई।
सोमवार को हसदेव अरण्य क्षेत्र में कोल ब्लॉक के विस्तार के लिए छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा दी गई मंजूरी को तत्काल रद्द करने सहित कई मुद्दों को लेकर बहुजन समाज पार्टी कोडागांव ने राज्यपाल के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा।

जारी विज्ञप्ति में देवलाल सोनवंशी बप्पा बसपा जिला प्रभारी ने बताया कि कोरबा, सरगुजा और सूरजपुर जिले में लगभग 170000 हेक्टेयर क्षेत्र में फैले हसदेव अरण्य के जंगलों से लगभग चार लाख से ज्यादा पेड़ों को कॉल ब्लॉक के विस्तार के  नाम से काटा जा रहा है, जिससे वहां पर रहने वाले 10,000 आदिवासियों के ऊपर विस्थापन का खतरा मंडरा रहा है केंद्र सरकार तो पहले से ही अदानी अंबानी के हाथों देश को गिरवी रख रही हैं, अब उसी तर्ज पर छत्तीसगढ़ सरकार की भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली सरकार कांग्रेस की सरकार भी पांचवी अनुसूची क्षेत्र में आदिवासियों के लगातार विरोध करने के बावजूद भी अडानी ग्रुप को कॉल ब्लॉक आवंटित करना कांग्रेस की सामंतवादी व पूंजीवादी नीति को जाहिर करती हैं।

बहुजन समाज पार्टी जिला इकाई कोंडागांव की ओर से राज्यपाल से अनुरोध करना चाहती है कि आप अपने संवैधानिक अधिकारों का प्रयोग करते हुए क्योंकि आप स्वयं भी आदिवासी वर्ग से होने के कारण आदिवासियों का जल जंगल जमीन से जुड़ाव को देखते हुए इस प्रोजेक्ट पर तत्काल रोक लगाने हेतु शासन को निर्देशित करें।

आगे कहा कि भूपेश बघेल की सरकार व्यापक घोषणा के बाद सरकार में आई हैं परंतु घोषणा के बाद जनता की समस्याओं को निराकरण ना कर सत्ता में मदमस्त हैं जिसे आपको ध्यान आकर्षित कर निम्न बिंदुओं का निराकरण कराने की अपेक्षा करते हैं।

आगे देवलाल ने कहा मैं भी एक पिछड़ा वर्ग के व्यक्ति हूं पिछड़ा वर्ग को दर्द समझते हुए सरकार से कहना चाहता हूं देश एवं छत्तीसगढ़ की सबसे बड़ी आबादी पिछड़ा वर्ग है और 36 गढ़ में 27 फीसदी आरक्षण देने की घोषणा के बाद 3 वर्ष तक सही आंकड़ा प्राप्त नहीं करना सरकार की अक्षमता को दर्शाती है पिछड़ा वर्ग के बस्तर संभाग में छत्तीसगढ़ में कई बड़े-बड़े सभा करके आंदोलित हैं लेकिन सरकार अभी तक स्वयं घोषित की आरक्षण को अभी तक लागू नहीं कर पा रहे हैं।

दूसरा है पेसा कानून के नाम से बस्तर जैसे शांतिप्रिय क्षेत्र को पेशा कानून का सही जानकारी ना देकर यहां के मूल निवासियों को गुमराह करने का काम कर रही है सरकार पंचायत एवं पालिका कर्मचारियों को निर्देश करती तो उसे 4 माह में आंकड़ा आ जाता परंतु जानबूझकर आयोग के माध्यम से आंकड़ा को लटका के रखा है।

तीसरा है छत्तीसगढ़ में 14 प्रतिशत पिछड़ा वर्ग आरक्षण प्राप्त परंतु प्रशासनिक पदों में आज 14 फीसदी की भर्ती पूरा नहीं हुआ है जिसे बैकलॉग पिछड़ा वर्ग विशेष भर्ती अभियान चलाकर किया जा सकता है परंतु सरकार इस और जानबूझकर नहीं कर रही है।

चौथा मांग है दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमित कर नियमित कर्मचारियों की तरह सुविधा प्रदान की जाए
पांचवी मांग हैं प्रमोशन में रिजर्वेशन को तत्काल प्रभाव से लागू किया जाए। छठवां मांग है पेंशन एवं बेरोजगारी भत्ता को सरकार की घोषणा अनुरूप तत्काल लागू किया जाए। सातवीं मांग है वर्मी कंपोस्ट खाद सरकार द्वारा निर्मित की गई है तो सोसाइटी के माध्यम से किसानों को अनिवार्य रूप से लेने के लिए बाध्य किया जा रहा है जो अनुचित है खरीदने के लिए बाध्यता समाप्त किया जाए।

 ज्ञापन सौंपने के दौरान प्रमुख रूप से जिला अध्यक्ष सुकलू  चक्रधारी जिला प्रभारी भागवत चतुर्वेदी जिला उपाध्यक्ष गौतम रंगारी जिला महासचिव बनाऊ राम नाग विधानसभा अध्यक्ष जेठू राम प्रधान सुखालू नेताम श्री राम नेताम अगर पुराना भुनेश्वर पांडे जगन्नाथ संता मरकाम नवल नेताम आत्मा चक्रधारी गणेश मरकाम शंकर सेठिया इत्यादि कार्यकर्ता मौजूद थे।

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news