रायपुर
फेडरेशन ने राज्यव्यापी आंदोलन के तिथियों की घोषणा की
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 24 मई। छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन महंगाई भत्ता डीए एवं सातवें वेतनमान के अनुरूप गृह भाड़ा भत्ता(एच आर ए ) को लेकर चार चरणों में आंदोलन करने का ऐलान किया था।
फेडरेशन के प्रांतीय संयोजक कमल वर्मा, प्रांतीय प्रवक्ता विजय झा, बी.पी.शर्मा, महासचिव, आर.के.रिछारिया, लक्ष्मण भारती, कोषाध्यक्ष सतीश मिश्रा, सचिव राजेश चटर्जी, संगठन मंत्री संजय सिंह, चंद्रशेखर तिवारी, ओंकार सिंह, पंकज पाण्डेय, विन्देश्वर रौतिया ने संयुक्त रूप से बताया कि, जनवरी 2020 से अप्रैल 2022 की अवधि में शासन द्वारा महंगाई भत्ता के किश्तों को देय तिथि से स्वीकृत नहीं करने की नीति के कारण प्रदेश के कर्मचारियों को हुये आर्थिक नुकसान पर संगठनों ने शासन के आदेश को कर्मचारियों के हितों के विपरीत बताया है।
फेडरेशन ने बताया कि, शासन द्वारा 01 जुलाई 2019 के 5 प्रतिशत् महंगाई भत्ता किश्त को 01 जुलाई 2021 से प्रभावशील करने तथा 01 जुलाई 2019 से 30 जून 2021 तक कुल 02 वर्षों की अवधि का एरियर्स पर मौन रहने की नीति से कर्मचारी/अधिकारियों का जबरदस्त आर्थिक नुकसान हुआ है । पदाधिकारियों का कहना है कि, वित्त विभाग, छ.ग. शासन ने हाल ही में महंगाई भत्ता में 5 प्रतिशत का वृद्धि 01 मई 2022 से जरूर किया है, लेकिन ये कौन सा किश्त है ? इसका उल्लेख आदेश में नहीं है । साथ ही एरियर्स का भी उल्लेख नहीं है । कर्मचारी नेताओं ने सेवालाभ एवं हकदारी पर हो रहे कुठाराघात से राज्य के कर्मचारी/अधिकारियों में कॉफी रोष व्याप्त होना बताया है ।
छ0ग0 कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन ने अधिकार की लड़ाई ‘कलम रख - मसाल उठा’ आंदोलन को जारी रखने का फैसला किया है। प्रांतीय निकाय से जारी कार्यक्रम के अनुसार प्रथम चरण में 30 मई 2022 को जिला एवं ब्लॉक/तहसील कार्यालयों में प्रदर्शन कर हड़ताल नोटिस दिया जायेगा, द्वितीय चरण में 29 जून 22 को अवकाश लेकर प्रदेश भर के अधिकारी/कर्मचारी राजधानी रायपुर में महारैली करेंगे, तृतीय चरण में 25 से 29 जुलाई 2022 तक पुरे प्रदेश के अधिकारी कर्मचारी कलम बंद - काम बंद हड़ताल करेंगे । सरकार यदि इसके बाद भी कर्मचारियों को न्याय नहीं देगी तो अंतिम चरण में प्रदेश भर के अधिकारी/कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जायेंगे।